लातेहार: मानव तस्करी की शिकार लड़कियों को उनके परिजनों तक सुरक्षित पहुंचाने की लातेहार पुलिस की मुहिम रंग ला रही है. इसी कड़ी में पुलिस ने पिछले 8 साल से घर से लापता लड़की को बरामद कर सकुशल उसके परिजनों तक पहुंचाया.
दरअसल, लातेहार जिले के महुआडांड़ थाना क्षेत्र की एक 14 वर्षीय लड़की 2017 में मानव तस्करी का शिकार हो गई थी. गांव के ही कुछ लोग उसे शहर में नौकरी दिलाने के नाम पर झांसा देकर भगा ले गए थे. हालांकि, साल 2022 तक लड़की के परिजन कभी-कभार टेलीफोन के जरिए लड़की से बात करते थे. लेकिन उसके बाद लड़की से संपर्क पूरी तरह से टूट गया.
इस संबंध में परिजनों द्वारा साल 2023 में थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. इसके बाद पुलिस द्वारा मानव तस्करी की शिकार लड़की की तलाश शुरू की गई. करीब दो साल की कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार पुलिस ने तस्करी की शिकार लड़की को ढूंढ निकाला और उसके परिजनों तक पहुंचाया. 8 साल बाद अपनी बेटी को वापस पाकर परिजनों के चेहरे पर भी खुशी झलक आई.
मानव तस्करी के खिलाफ पुलिस लगातार कर रही कार्रवाई
इस संबंध में लातेहार एसपी कुमार गौरव ने बताया कि लातेहार पुलिस मानव तस्करी के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है. उन्होंने बताया कि 8 साल पहले घर से लापता हुई लड़की को पुलिस ने सकुशल बरामद कर परिजनों को सौंप दिया है. उन्होंने बताया कि लड़की को घरेलू नौकरानी के तौर पर काम कराने के लिए दिल्ली ले जाया गया था. लेकिन पिछले कुछ सालों से लड़की का कोई सुराग नहीं मिल रहा था. परिजनों ने जब इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज कराई तो पुलिस ने सबसे पहले चिन्हित स्थान पर तलाशी अभियान शुरू किया. करीब दो साल की कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार पुलिस टीम ने लड़की को बरामद कर लिया.
वर्ष 2023 से लगातार चल रहा है अभियान
एसपी कुमार गौरव ने बताया कि लातेहार पुलिस द्वारा मानव तस्करी का शिकार बनी लड़कियों की तलाश का अभियान वर्ष 2023 से लगातार चल रहा है. पिछले साल भी बड़ी संख्या में मानव तस्करी की शिकार लड़कियों को पुलिस ने सकुशल बरामद कर उनके परिजनों तक पहुंचाया था. यह अभियान लगातार चल रहा है. इसके लिए एक स्पेशल पुलिस टीम भी गठित की गई है, जो मानव तस्करी की शिकार बनी लड़कियों की तलाश में जुटी है.
बच्चों को करें शिक्षित, बेहतर होगा भविष्य
इस दौरान एसपी कुमार गौरव ने आम ग्रामीणों से भी अपील की है कि वे अपने बच्चों को शिक्षित करें, इससे बच्चों का भविष्य उज्ज्वल होगा और परिवार की स्थिति भी सुधरेगी. एसपी ने कहा कि छोटी उम्र में बच्चों को काम पर भेजना या उनसे काम करवाना अपराध की श्रेणी में आता है. इसलिए सभी अभिभावकों का कर्तव्य है कि वे अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए उन्हें अच्छी शिक्षा दें.