झारखंड बीजेपी के शिष्टमंडल ने गुरुवार को राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार को ज्ञापन सौंपा. इस ज्ञापन में झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन को कैबिनेट से बर्खास्त करने के लिए मुख्यमंत्री को निर्देशित करने का आग्रह किया गया है. कहा गया है कि झारखंड में संविधान की शपथ लेकर पद पर आसीन होनेवाले मंत्री संवैधानिक मर्यादाओं को तार-तार कर रहे हैं.
रांची-झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार से आज भारतीय जनता पार्टी के एक शिष्टमंडल ने राजभवन में भेंट की और राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने को लेकर ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में कहा गया है कि पिछले दिनों दिया गया मंत्री का बयान संविधान की मर्यादा और भावना के प्रतिकूल है. मंत्री हफीजुल हसन संविधान की मर्यादा को तार-तार कर रहे हैं. देश और संविधान प्रथम की जगह शरीयत प्रथम माननेवाले मंत्री को कैबिनेट से बर्खास्त करने के लिए मुख्यमंत्री को निर्देशित करें
संवैधानिक मर्यादाओं को तार-तार कर रहे मंत्री हफीजुल-बीजेपी
झारखंड बीजेपी के शिष्टमंडल ने राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार को सौंपे गए ज्ञापन में कहा है कि झारखंड में संविधान की शपथ लेकर पद पर आसीन होनेवाले मंत्री संवैधानिक मर्यादाओं को तार-तार कर रहे हैं. पिछले दिनों झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन ने संविधान की अपेक्षित निष्ठा के विपरीत वक्तव्य दिए गए हैं. उन्होंने अपने बयान में कहा है कि वे कुरान को दिल में और संविधान को हाथ में रखते हैं.
शपथ लेकर संविधान की अवमानना कर रहे मंत्री-बीजेपी
बीजेपी के शिष्टमंडल ने अपने ज्ञापन में कहा है कि झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन यहीं नहीं रुके बल्कि उन्होंने कहा कि उनके लिए शरीयत पहले है, संविधान बाद में. मंत्री का यह बयान संविधान की भावना एवं मर्यादा के प्रतिकूल है. मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण में इस पंक्ति का उल्लेख रहता है कि ‘मैं विधि द्वारा स्थापित संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा/रखूंगी’, परंतु इस प्रकार शपथ लेकर झारखंड सरकार के मंत्री संविधान की खुल्लम-खुल्ला अवमानना कर रहे हैं.
मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने का बीजेपी ने किया आग्रह
शिष्टमंडल ने झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार से इस विषय की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्र और संविधान प्रथम की जगह शरीयत प्रथम माननेवाले मंत्री हफीजुल हसन को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के लिए मुख्यमंत्री को निर्देशित करने का आग्रह किया. शिष्टमंडल में प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रवींद्र कुमार राय, केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ समेत अन्य शामिल थे.
