चाय और कॉफी पीने के लिए हम आमतौर पर कागज से बने कप का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन क्या यह सेहत के लिए अच्छा है?…
हममें से कई लोगों को चाय और कॉफी पीना पसंद है. आपको शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति मिलेगा जिसे चाय और कॉफी पसंद न हो. जब भी हम घूमने निकलते हैं तो कहीं न कहीं रुककर चाय पीते हैं. लेकिन सुविधा और स्वच्छता के लिए वर्तमान में डिस्पोजेबल पेपर कप का इस्तेमाल अधिक किया जा रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या डिस्पोजेबल प्लास्टिक और पेपर कप में चाय और कॉफी जैसे गर्म पेय पदार्थ पीना सेहत के लिए हानिकारक है? जब आप गर्म चाय पेपर कप में डालते हैं तो क्या होता है? खबर के माध्यम से जानें सारे सवालों का जवाब…
कागज के कप में चाय पीनी चाहिए या नहीं?
एक समय था जब होटल और रेस्टोरेंट में स्टील के गिलास की जगह कांच के गिलास इस्तेमाल किए जाते थे. लेकिन अब कांच के गिलास गायब हो गए हैं. सिरेमिक कप भी बहुत कम देखने को मिलते हैं. आजकल डिस्पोजेबल, कागज के गिलासों का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है. सड़क किनारे चाय की दुकानों पर भी कागज के कप इस्तेमाल किए जा रहे हैं. लेकिन, क्या ये कागज के कप सेहत के लिए फायदेमंद हैं? इसका जवाब है नहीं, ये सेहत के लिए फायदेमंद नहीं बल्कि खतरनाक हैं.
विशेषज्ञों का कहना है कि कागज के कप में चाय और कॉफी पीना खतरनाक है. आमतौर पर कागज के कप में वाटरप्रूफ गुणों के लिए प्लास्टिक की परत का इस्तेमाल किया जाता है. यह बहुत नाजुक और पतला होता है. कई अध्ययनों से पता चला है कि ये माइक्रोप्लास्टिक स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक हैं.
क्या इससे कैंसर जैसी बीमारियां हो सकती हैं?
जब आप चाय, कॉफी या कोई भी गर्म पेय पदार्थ पेपर कप में डालते हैं, तो उसमें मौजूद माइक्रोप्लास्टिक की परत पिघलने लगती है. इस परत से सूक्ष्म कण निकलते हैं. ये कण इतने छोटे होते हैं कि इन्हें आंखों से भी नहीं देखा जा सकता है. इन्हें सिर्फ माइक्रोस्कोप से ही देखा जा सकता है. जब इसमें चाय डाली जाती है, तो ये लिक्विड के साथ मिलकर पाचन तंत्र में चले जाते हैं. नतीजतन, विशेषज्ञों का कहना है कि प्लास्टिक के कण स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं और कैंसर जैसी बीमारियों का कारण बन सकते हैं.
हार्मोनल इंबैलेंस
प्लास्टिक और कागज के कप में मौजूद माइक्रोप्लास्टिक स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक होते हैं. एक अध्ययन के अनुसार, एक पेपर कप में अनुमानित 20,000 से 25,000 माइक्रोप्लास्टिक कण होते हैं. इससे शरीर में हार्मोनल असंतुलन होता है और घातक बीमारियां होती हैं. जब कप में गर्म तरल पदार्थ डाले जाते हैं, खास तौर पर हाई टेंपरेचर पर, तो माइक्रोप्लास्टिक की परत टूट जाती है और कण तरल में निकल जाते हैं. माइक्रोप्लास्टिक के अलावा, पैलेडियम, क्रोमियम और कैडमियम जैसे हानिकारक केमिकल भी पेपर कप की परत से रिसते हैं. शोध से पता चला है कि इससे हार्मोनल असंतुलन, प्रजनन संबंधी समस्याएं, कैंसर का खतरा और तंत्रिका संबंधी विकार होते हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, जब भी संभव हो, सिरेमिक या स्टेनलेस स्टील जैसी सामग्री से बने कप में चाय पिएं. इस तरह आप खुद को सुरक्षित रख सकते हैं.