दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके में एक इमारत गिर गई है. मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका है.
नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी जिले के मुस्तफाबाद इलाके के दयालपुर में सुबह करीब 3 बजे एक चार मंजिला इमारत गिरने से 4 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और 15 से ज्यादा लोग घायल हैं. अभी मलबे में और भी लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है. दिल्ली पुलिस और एनडीआरएफ की टीम मलबे से लोगों को निकालने में लगी हुई है.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि चार मंजिला बिल्डिंग में दो फ्लोर पर मकान मालिक तहसीन अपने परिवार के साथ रहते थे, जबकि उनके दो फ्लोर पर किराएदार रहते थे. पूरी बिल्डिंग में करीब 20 से 25 लोग रहते थे. सुबह करीब 3 बजे अचानक बिल्डिंग भरभराकर गिर गई जिससे बिल्डिंग में रह रहे सभी लोग दब गए. अभी तक मलबे से आठ लोगों को निकाला गया है, जिनमें से चार लोगों की मौत हो गई है. इसके अलावा अन्य कई घायलों की भी हालत नाजुक बताई जा रही है. सभी घायलों को जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें से चार लोगों को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. मरने वालों में मकान मालिक तहसीन के अलावा सलमा (35) भी शामिल हैं, जो यहां अपने परिवार के साथ किराए पर रहती थी.
डिविजनल फायर ऑफिसर राजेंद्र अटवाल ने कहा कि हमें सुबह करीब 2:50 बजे एक मकान ढहने की सूचना मिली थी. हम मौके पर पहुंचे और पाया कि पूरी इमारत ढह गई है और हमें लोगों के मलबे में फंसे होने की सूचना मिली. NDRF, दिल्ली अग्निशमन सेवा लोगों को बचाने के लिए काम कर रही है.
मुस्तफाबाद में इमारत ढहने की घटना कैमरे में कैद हो गई है. दिल्ली पुलिस के अनुसार, “बाहर निकाले गए 10 लोगों में से 4 की मृत्यु हो गई है. बचाव अभियान अभी भी जारी है.” उत्तर पूर्वी जिले के एडिशनल DCP संदीप लांबा ने बताया कि 8-10 लोगों के अभी भी फंसे होने की आशंका है.
वहीं, मुस्तफाबाद इलाके में इमारत ढहने की घटना पर एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि यहां दो पुरुष, दो बहुएं, उनके परिवार और किराएदार रहते हैं. सबसे बड़ी बहू के तीन बच्चे हैं, दूसरी बहू के भी तीन बच्चे हैं.अभी हमें कुछ नहीं पता. वे कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं.
तहसीन के छोटे भाई की पत्नी रेहाना ने बताया कि तहसीन के परिवार में उनके दो बेटे, दो बहुएं, उनके ससुर पत्नी और बाकी किराएदार रहते थे. जब बिल्डिंग गिरी उस समय सभी लोग घर में सो रहे थे, जिससे किसी को भी बचने का कोई मौका नहीं मिला. पूरी बिल्डिंग एकदम से ढई गई और सभी लोग उसमें दब गए. रिहाना ने बताया कि उन्हें फोन से सूचना मिली. सूचना मिलते ही वह भाग कर यहां पहुंचे. बिल्डिंग गिरने का कारण अभी पता नहीं चल सका है. पड़ोसियों ने बताया कि यह बिल्डिंग ज्यादा पुरानी नहीं थी.
मोहन सिंह बिष्ट ने क्षेत्र का किया दौरा: मुस्तफाबाद इलाके में इमारत गिरने की घटना की सूचना मिलने के बाद क्षेत्र के विधायक व दिल्ली विधानसभा के डिप्टी स्पीकर मोहन सिंह बिष्ट मौके पर पहुंचे. उन्होंने राहत बचाव कार्य का जायजा लिया. उन्होंने बताया कि बिल्डिंग बायोलॉज का उल्लंघन कर बनाए गए इमारत को लेकर निगम के कमिश्नर को आगाह किया था. इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई. नियमों के ताख पर रखकर 25 -30 मीटर के प्लाट पर 5 से 6 मंजिला बिल्डिंग बन रही है. बिजली विभाग भी उसमें मीटर लगा रहा है. कोई इसे रोकने रोकने वाला नहीं है. जिसकी वजह से यह हादसे हो रहे हैं. इस हादसे के लिए दिल्ली नगर निगम और बिजली विभाग भी जिम्मेदार है.
मलबे से एक व्यक्ति को निकाला गया है और उसे अस्पताल भेजा गया है. NDRF और अन्य एजेंसियां मुस्तफाबाद इलाके में खोज और बचाव अभियान चला रही हैं
वहीं, मुस्तफाबाद में चल रहे स्क्सूय ऑपरेशन में जहां एक तरफ NDRF और पुलिस के जवान लगे हैं वहीं दूसरी तरफ स्थानीय लोग भी रेस्कूय ऑपरेशन में मदद कर रहे हैं. वो घटना के बाद से ही इमारत के मलबे को हटाने में वहां मौजूद टीमों की मदद कर रहे हैं. कई स्थानीय लोग घटना की सूचना मिलने के बाद से ही मौके पर मौजूद हैं और मलबा हटाने में दूसरी टीमों की मदद कर रहे हैं.