इन दिनों सोने की कीमतों ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए है. ऐसे में आपको चांदी खरीदने पर विचार करना चाहिए.
नई दिल्ली: अक्षय तृतीया इस साल 30 अप्रैल 2025 को मनाई जाएगी. हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया कहते हैं. अक्षय का मतलब है जिसका कभी क्षय न हो. यही वजह है कि लोग इस दिन खास तौर पर सोना-चांदी जैसी धातुएं खरीदते हैं.
इस अक्षय तृतीया पर सोने की कीमतें आसमान छू रही है. ऐसे में लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे है कि इस बार सोना खरीदे या चांदी को. अक्षय तृतीया पर आपको सोने के साथ चांदी को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. टाटा म्यूचुअल फंड की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, सोने-चांदी का अनुपात बढ़कर 100 हो गया है – जो हाल के वर्षों में देखा गया उच्चतम स्तरों में से एक है. इसका मतलब यह है कि सोने की तुलना में चांदी का मूल्य काफी कम है.
सोना-चांदी अनुपात से पता चलता है कि एक औंस सोना खरीदने के लिए कितने औंस चांदी की जरूरत होती है। ऐतिहासिक रूप से, यह अनुपात औसतन 60 से 70 के आसपास रहा है. अधिक संख्या यह दिखाती है कि सोना चांदी के मुकाबले अधिक महंगा हो गया है.
चांदी खरीदने की वजह
केंद्रीय बैंक की खरीद, महंगाई की आशंका, भू-राजनीतिक तनाव और कमजोर अमेरिकी डॉलर मांग को बढ़ा रहे हैं. 2025 में 450 मीट्रिक टन के वैश्विक अनुमानों के साथ, सोने-समर्थित ईटीएफ में प्रवाह भी बढ़ रहा है. हालांकि, चांदी ने गति नहीं पकड़ी है.
विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स और सौर ऊर्जा में औद्योगिक मांग के साथ इसका मजबूत संबंध, इसे वैश्विक विकास चिंताओं के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है. इस वजह ने सोने-चांदी के अनुपात को ऐतिहासिक रूप से चरम स्तरों पर धकेल दिया है.
इस अक्षय तृतीया पर कीमती धातुएं खरीदने के इच्छुक निवेशकों के लिए, सोना-चांदी का अनुपात एक उपयोगी मार्गदर्शक हो सकता है. उच्च अनुपात अक्सर चांदी में संभावित अवसर का संकेत देता है.
टाटा म्यूचुअल फंड की रिपोर्ट बताती है कि सोना एक मजबूत सुरक्षित आश्रय बना हुआ है. लेकिन चांदी मौजूदा स्तरों पर बेहतर मूल्य दे सकती है. हमेशा की तरह, निवेशकों को निर्णय लेने से पहले पोर्टफोलियो की जरूरतों, बाजार के रुझान और जोखिम उठाने की क्षमता पर विचार करना चाहिए.
अक्षय तृतीया को पारंपरिक रूप से सोने और चांदी में निवेश करने के लिए एक शुभ समय के रूप में देखा जाता है. इस वर्ष, आंकड़ों पर करीब से नजर डालने से निवेशकों को बेहतर संतुलन बनाने में मदद मिल सकती है.
चांदी सोने से अधिक मूल्यवान क्यों?
कीमती धातुओं की लगातार बदलती दुनिया में चांदी को लंबे समय से अधिक किफायती विकल्प माना जाता रहा है. लेकिन अब स्थिति बदल रही है और उम्मीद है कि चांदी का भविष्य का मूल्य सोने से अधिक होगा. यह उम्मीद विभिन्न क्षेत्रों – प्रौद्योगिकी और सूचना-संचार क्षेत्र, स्थिरता क्षेत्र और हरित ऊर्जा क्षेत्र में इसकी बढ़ती मांग से बढ़ रही है.
आभूषणों में इस्तेमाल होने वाली एक पारंपरिक धातु से लेकर आधुनिक तकनीकों का एक अनिवार्य हिस्सा बनने तक, चांदी में एक ऐसा बदलाव आया है जो आने वाले वर्षों में इसे सोने से अधिक मूल्यवान बना देगा.
अक्षय तृतीया पर लोग सोना जैसी कीमती धातुएं क्यों खरीदते हैं
अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना समृद्धि, सौभाग्य और स्थिरता का प्रतीक माना जाता है. यह न सिर्फ एक परंपरा बन गई है. बल्कि लंबी अवधि के निवेश का एक अच्छा मौका भी है. खास बात यह है कि पिछले कुछ सालों में अक्षय तृतीया के आसपास सोने की खरीदारी में बड़ा उछाल देखने को मिला है.