Thursday, April 24, 2025

संजीव हंस की बढ़ी और मुश्किलें, अब नई FIR दर्ज करने की तैयारी

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परामर्श के आधार पर राज्य सरकार के स्पेशल विजिलेंसलें यूनिट (एसवीयू) या आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) में से किसी एक जगह केस दर्ज किए जाने पर निर्णय लिया जा सकता है.

पटना. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद बिहार कैडर के आईएएस संजीव हंस के खिलाफ जल्द ही नई एफआईआर दर्ज होगी. एफआईआर दर्ज किए जाने को लेकर गृह विभाग के स्तर पर विधि विभाग को पत्र भेज कर महाधिवक्ता से परामर्श लिया जा रहा है. परामर्श के आधार पर राज्य सरकार के स्पेशल विजिलेंसलें यूनिट (एसवीयू) या आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) में से किसी एक जगह केस दर्ज किए जाने पर निर्णय लिया जा सकता है.

कई पदाधिकारी एजेंसी के रेडार पर

प्रवर्तन निदेशालय की मंशा है कि संजीव हंस के खिलाफ नया केस एसवीयू में हो ताकि वह अपने यहां भी इनफोर्समेंट में केस इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट दर्ज कर सके. मालूम हो कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पत्र पर राज्य सरकार ने हाल ही में आईएएस संजीव हंस पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी. वहीं, हीं प्रवर्तन निदेशालय के निशाने पर आ चुके करीब एक दर्जन सरकारी पदाधिकारी और ठेकेदारों पर भी गाज गिर सकती है. केंद्र और राज्य की प्रवर्तन एजेंसियों के निशाने पर अब एक दर्जन के करीब आला अधिकारी, कुछ गैर लोकसेवक हैं, जो संजीव हंस के लिए काम तो कर रहे थे, लेकिन अभी तक उनका नाम सामने नहीं आया है.

ठेकेदार भी निशाने पर

ईडी की जांच में अधिकारियों और ठेकेदारों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाने वाले रेशु रंजन सिन्हा उर्फ रेशु श्री का भी नाम आया है. आरोप है कि रेशु ही हंस के लिए विभिन्न कंपनियों के बीच होने वाले लेनदेन में मध्यस्थ की भूमिका निभाता था. जांच में पाया गया है कि रेशु के करीब एक दर्जन अधिकारियों से निजी संबंध हैं. इनमें अधिकतर निर्माण कराने वाले विभाग में पदस्थ हैं. सूत्रों के अनुसार ईडी ने करीब 10 दिन पहले एक पत्र बिहार सरकार को भेजा था. इसमें रेशु की भूमिका का खुलासा करते हुए एफआईआर दर्ज करने की बात कही गयी है. गैर लोक सेवक होने की वजह से रेशु के संबंध में भी महाधिवक्ता कार्यालय से मंतव्य की मांग की गयी है.

ias sanjeev hans

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