किडनी डिजीज एक सामान्य हेल्थ प्रॉब्लम है जो धीरे-धीरे विकसित होती है और अक्सर बिना किसी स्पष्ट लक्षण के होती है, जानें इसके शुरुआती लक्षण…
दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करता है करने वाली किडनी की बीमारी अक्सर तब तक समझ नहीं आती, जब तक कि यह गंभीर न हो जाए. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, किडनी डिजीज जिसे क्रोनिक किडनी रोग (CKD) भी कहा जाता है, एक कॉमन हेल्थ प्रॉब्लेम है जो धीरे-धीरे विकसित होती है और अक्सर बिना किसी स्पष्ट लक्षणों के होती है, जिससे लोगों को इसकी गंभीरता का पता नहीं चलता जब तक कि बहुत देर न हो जाए.
दरअसल, पसलियों के नीचे स्थित किडनी खून से अपशिष्ट को छानते हैं, ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करते हैं, रेड ब्लड सेल्स का प्रोडक्शन करते हैं और इलेक्ट्रोलाइट्स को संतुलित करते हैं. हेल्दी किडनी हर दिन 120-150 क्वार्ट खून को छानते हैं, जिससे 1-2 क्वार्ट मूत्र बनता है. किडनी की बीमारी होने पर किडनी डैमेज हो जाते हैं और ठीक से काम नहीं कर पाते हैं. इसके कारणों में हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, इंफेक्शन और आनुवंशिकी शामिल हैं. किडनी की बीमारी का जल्दी पता न लगने पर, यह किडनी की फेलियर का कारण बन सकता है, जिसके लिए डायलिसिस या प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती है.
नेशनल किडनी फाउंडेशन के अनुसार, किडनी मानव शरीर का बेहद जरूरी और महत्वपूर्ण अंग होता है. ऐसे में शरीर में कई हेल्थ कॉम्प्लिकेशन से बचने के लिए समय रहते किडनी की स्थिति का पता लगाना बेहद जरूरी हो जाता है. समय रहते चिकित्सा सहायता लेने के लिए इन संकेतों पर ध्यान दें…
पेशाब में बदलाव- बार-बार पेशाब आना, पेशाब का कम आना या झागदार पेशाब किडनी की समस्या का संकेत है.
थकान और कमजोरी- लगातार थकावट और कम एनर्जी लेवल रेड ब्लड सेल्स की कम संख्या के कारण हो सकता है.
सूजन- लिक्विड का जमाव, जिसे एडिमा के रूप में जाना जाता है, पैरों, हाथों, चेहरे या पेट में सूजन पैदा कर सकता है.

लगातार पीठ दर्द- पसलियों के नीचे गंभीर दर्द, जो अक्सर अनट्रीटेड मूत्र पथ के संक्रमण (UTI) से जुड़ा होता है, किडनी की समस्याओं का संकेत हो सकता है.
बिना किसी कारण के वजन कम होना या भूख न लगना- शरीर में टॉक्सिन्स का जमाव भूख कम लगने और अनजाने में वजन कम होने का कारण बन सकता है.
मतली और उल्टी- मतली या उल्टी महसूस होना, खासकर सुबह या भोजन के बाद, किडनी की समस्याओं का संकेत हो सकता है.

सोने में कठिनाई- मांसपेशियों में ऐंठन, बेचैन पैर सिंड्रोम या रात में बार-बार पेशाब आना नींद में खलल डाल सकता है.
मुंह में मेटल जैसा स्वाद- खून में टॉक्सिन्स जमा होने से मेटल जैसा स्वाद और सांसों से बदबू आ सकती है
मांसपेशियों में ऐंठन और मरोड़- इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन से मांसपेशियों में ऐंठन और मरोड़ हो सकती है.
त्वचा में खुजली- सामान्य खुजली, जो अक्सर विष के संचय (Accumulation of toxin)) के कारण होती है, किडनी की समस्याओं का संकेत हो सकती है.

ध्यान देने वाली बातें
इस बात का ध्यान रखें कि आप अच्छा खाएं, व्यायाम करें, पानी पिएं, शराब का सेवन कम करें और अच्छी नींद लें. धूम्रपान छोड़ें, स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखें. इसके साथ ही दवा के निर्देशों का पालन करें और अगर जोखिम हो तो अपने किडनी की जांच करवाएं. इस बात पर खास ध्यान दें कि किडनी की बीमारी को रोकने और स्वास्थ्य परिणामों में सुधार के लिए शुरुआती पहचान और उपचार महत्वपूर्ण हैं.