दस महाविद्याओं में आठवीं महाविद्या के रूप में पूजनीय देवी बगलामुखी का स्थान कलयुग में अत्यंत महत्वपूर्ण है. मां बगलामुखी को शक्ति की प्रचंड स्वरूपा देवी माना जाता है, जो शत्रुओं का विनाश, भय का निवारण और विजय की प्राप्ति में सहायक मानी जाती हैं. उनकी जयंती वैशाख शुक्ल अष्टमी को मनाई जाती है, और इस वर्ष 2025 में यह पावन तिथि 5 मई, सोमवार को है.
वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को बगलामुखी जयंती के रूप में मनाया जाता है. इस दिन मां बगलामुखी की पूजा का विशेष महत्व है. ऐसा माना जाता है कि बगलामुखी जयंती के दिन मां बगलामुखी की पूजा करने से जीवन के संकटों का निवारण होता है और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है. आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से कि इस वर्ष बगलामुखी जयंती कब है, इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है और इसका महत्व क्या है.
कब मनाई जाएगी मां बगलामुखी जयंती
इस वर्ष यानी 2025 में मां बगलामुखी जयंती 5 मई को सोमवार के दिन है.
मां बगलामुखी की पूजा का महत्व
धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां बगलामुखी की पूजा दस महाविद्या में से एक मानी जाती है. इस कारण से, देश के विभिन्न राज्यों में इन्हें बुद्धि की देवी के रूप में पहचाना जाता है. मां बगलामुखी की पूजा विशेष रूप से न्यायालयों में सफलता और शत्रुओं से मुक्ति के लिए की जाती है. देवी को बगलामुखी, पीताम्बरा, बगला, वल्गामुखी, वगलामुखी, और ब्रह्मास्त्र विद्या जैसे विभिन्न नामों से भी जाना जाता है.
बगलामुखी जयंती देवी बगलामुखी के प्रकट होने के दिन के रूप में मनाई जाती है, जो दस महाविद्याओं में से आठवीं महाविद्या हैं. मां बगलामुखी को शक्ति और विजय की देवी माना जाता है. उनका स्वरूप शत्रुओं का नाश करने वाला और नकारात्मक शक्तियों को पराजित करने वाला है. इस दिन मां बगलामुखी की पूजा करने से बुरी शक्तियों, काली नजर, और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है, साथ ही शत्रुओं द्वारा रची गई षड्यंत्रों से भी छुटकारा मिलता है और विजय की प्राप्ति होती है.