गोविंदपुर (धनबाद)-धनबाद जिले के गोविंदपुर थाना क्षेत्र के लक्ष्मी नर्सिंग होम गायडहरा मोड़, ऊपर बाजार में दो फरवरी को सिजेरियन से जुड़वा बच्चों को जन्म देने वाली नसीमा खातून (25 वर्ष) की मौत इलाज के दौरान रिम्स (रांची) में हो गयी. इसके बाद मुर्गाबनी के लोगों ने शव के साथ रविवार को लक्ष्मी नर्सिंग होम में हंगामा कर सड़क जाम किया. मुर्गाबनी के मुखिया अख्तर अंसारी के नेतृत्व में मृतका के परिजनों व ग्रामीणों ने पहले नर्सिंग होम के सामने धनबाद रोड और इसके बाद जीटी रोड को जाम जाम कर दिया. इससे जीटी रोड व धनबाद रोड की यातायात व्यवस्था करीब छह घंटे तक पूरी तरह ठप हो गयी. गिरिडीह रोड, साहिबगंज रोड और बलियापुर रोड भी पूरी तरह प्रभावित हुआ. जीटी रोड पर वाहनों की कतार बागसुमा से लेकर कांड्रा मोड़ तक पहुंच गयी. शव के साथ सड़क जाम करीब छह घंटे तक चला. इससे धनबाद रोड व जीटी रोड में वाहनों की आवाजाही पूरी तरह ठप रही. इस दौरान गोविंदपुर पुलिस मूक दर्शक बनी रही.
प्रशासन ने दी लाठीचार्ज की चेतावानी
बाद में एसडीएम राजेश कुमार, सीओ धर्मेंद्र कुमार दुबे व डीएसपी शंकर कामती पहुंचे. एसडीएम ने चेतावनी दी कि कानून हाथ में लेने वालों के खिलाफ प्रशासन मुकदमा करेगा. उन्होंने छह घंटा से सड़क जाम कर यातायात अवरुद्ध करने वाले लोगों के खिलाफ लाठी चार्ज की चेतावनी दी. इसके बाद सड़क जाम करने वाले लोग किनारे हो गये. आंदोलनकारी के जीटी रोड से हटने के बाद भी आवाजाही सामान्य होने में दो घंटे लग गये. इस बीच प्रशासनिक पहल पर आंदोलनकारी व नर्सिंग होम संचालक के बीच समझौता वार्ता हुई. इसमें नर्सिंग होम प्रबंधन मृतका के परिवार को सहानुभूति स्वरूप दो लाख तथा प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से एक लाख रुपये देने पर सहमति बनी. इसके बाद आंदोलनकारी शव लेकर मुर्गाबनी गये और मृतका की मिट्टी मंजिल की.
दो फरवरी को नसीमा ने जुड़वा बच्चों को दिया था जन्म
रिम्स में प्रसूता की मौत और प्रसव कराने वाले लक्ष्मी नर्सिंग होम में परिजनों के हंगामा मामले में बताया जाता है कि प्रसव पीड़ा होने पर नसीमा खातून को दो फरवरी 2025 को तड़के चार बजे अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसके पूर्व बड़ा ऑपरेशन से उसे बच्चा हुआ था. पहले के सिजेरियन के टांके में दर्द था. इस कारण उसका आकस्मिक ऑपरेशन किया गया था. उसने दो जुड़वा स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया था. ऑपरेशन के दौरान कोई परेशानी नहीं हुई थी. ऑपरेशन के करीब 8 घंटे के बाद मरीज के यूरिन और मुंह से खून आने लगा. इसके बाद उसके सीबीसी और लीवर की जांच करायी गयी, तो पता चला कि मरीज का प्लेटलेट काउंट 20 हजार है और लीवर का एंजाइम तथा बीपी बढ़ा हुआ है. जांच करने पर चिकित्सक को पता चला कि मरीज हेल्प सिंड्रोम से ग्रसित है. इसके बाद उसे असर्फी अस्पताल धनबाद रेफर किया गया, जहां से रांची रिम्स रेफर कर दिया गया. रिम्स में इलाज के दौरान एक मार्च को उसकी मौत हो गयी.
चिकित्सक का कोई दोष नहीं : नर्सिंग होम संचालक
संचालक रमेश प्रसाद ने बताया कि नसीमा खातून का पहले ही बड़ा ऑपरेशन से बच्चा हुआ था और वह हेल्प सिंड्रोम से पीड़ित थीं. इसी कारण से काफी प्रयास के बाद भी रिम्स के डॉक्टर उसे नहीं बचा पाये. उसकी मौत पर अस्पताल प्रबंधन को काफी दुख है और पीड़ित परिवार को सहानुभूति पूर्वक प्रबंधन की ओर से यथासंभव आर्थिक सहायता प्रदान की गयी है.
सड़क जाम करनेवालों ने राहगीरों के साथ की धक्का-मुक्की
प्रसूता की मौत के खिलाफ सड़क जाम कर रहे ग्रामीणों ने धनबाद रोड और जीटी रोड होकर गुजरने वाले मोटरसाइकिल चालकों के साथ धक्का मुक्की की. उन पर डंडे भी चला दिये. इससे कई मोटरसाइकिल सवार गिरे. बताया जाता है कि आंदोलन में शामिल युवक सड़क को पूरी तरह अवरुद्ध कर लोगों को आने-जाने से रोक रहे थे. लेकिन जब जरूरी काम वाले लोग जान की कोशिश करने लगे तो उनके साथ दुर्व्यवहार और धक्का मुक्की भी कर दी गयी.
जीटी रोड जाम करने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई
प्रसूता की मौत के बाद धनबाद रोड एवं जीटी रोड छह घंटे तक जाम करने से एसडीएम राजेश कुमार खफा थे. एसडीएम ने दो घंटे से अधिक का समय यहां दिया. उन्होंने मृतका के परिवार के प्रति पूरी सहानुभूति जताते हुए कहा कि यह घटना दुखद है, परंतु इस घटना के खिलाफ जीटी रोड और धनबाद रोड होकर आने जाने वाले लोगों और गाड़ियों को रोकना, जीटी रोड की एंबुलेंस सेवा व अन्य आवश्यक सेवाओं को बाधित करना गलत है. एसडीएम ने कहा कि कानून हाथ में लेकर हंगामा करने और जीटी रोड जाम करने वालों के खिलाफ प्रशासन कार्रवाई करेगा.