बिहार सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों और नर्सिंग स्टाफ के लिए बड़ा फैसला लिया है. अब त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों को हर महीने भत्ता मिलेगा, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति मजबूत होगी.
बिहार सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों और नर्सिंग सेवाओं में काम कर रहे कर्मियों के लिए महत्वपूर्ण फैसले लिया है. अब पंचायत के मुखिया, सरपंच, पंच, वार्ड सदस्य, प्रमुख, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्यों को मासिक भत्ते का भुगतान हर महीने किया जाएगा. साथ ही, राज्य के नर्सिंग स्टाफ को सेवांत लाभ और छुट्टी स्वीकृति की प्रक्रिया को भी सरल बना दिया गया है.
अब हर माह मिलेगा भत्ता, भुगतान प्रक्रिया होगी पारदर्शी
अब तक त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं और ग्राम कचहरी के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को भत्ता हर चौथे महीने (अप्रैल, जुलाई और नवंबर) में दिया जाता था. लेकिन पंचायती राज विभाग ने इस व्यवस्था में बदलाव करते हुए भत्ते का भुगतान हर महीने करने का फैसला किया है.
इसके तहत-
- भत्ते का भुगतान पीएफएमएस प्रणाली के जरिए सीधे बैंक खाते में किया जाएगा.
- जिला स्तर पर भुगतान प्रणाली लागू होगी, जिससे प्रक्रिया तेज और पारदर्शी होगी.
- जिला पंचायत कार्यालय में मेकर, चेकर और एप्रूवर की आईडी बनाई जाएगी ताकि भुगतान सुचारू रूप से हो सके.
नर्सों के लिए भी राहतभरी खबर
बिहार सरकार ने नर्सिंग सेवा में कार्यरत कर्मियों के लिए भी सेवांत लाभ, एसीपी-एमएसीपी और 60 दिनों के अवकाश स्वीकृति की प्रक्रिया को आसान बना दिया है. बता दें कि, पहले ये स्वीकृतियां मुख्यालय स्तर पर दी जाती थीं, जिससे देरी और तकनीकी दिक्कतें आती थीं. अब सिविल सर्जन, मेडिकल कॉलेज अधीक्षक और अति विशिष्ट अस्पतालों के निदेशक को यह शक्तियां दी गई हैं. सेवा लाभ का भुगतान स्वच्छता प्रमाण पत्र मिलने के बाद ही किया जाएगा.
सरकार की पहल से बढ़ेगी कार्यप्रणाली की दक्षता
इस नए फैसले से पंचायत प्रतिनिधियों को हर महीने वित्तीय सहयोग मिलेगा. जिसकी मदद से वे अपने कार्यों को प्रभावी ढंग से कर सकेंगे. नर्सिंग स्टाफ को सेवांत लाभ और अवकाश की स्वीकृति भी जल्दी मिलेगी. जिससे वे अपनी सेवाओं पर बेहतर ध्यान दे सकेंगे. सरकार का यह कदम स्थानीय प्रशासन को मजबूत करने और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है.