बिहार के जहानाबाद में एक दारोगा ने थाना परिसर स्थित अपने कमरे में खुदकुशी कर ली. दारोगा कैंसर रोग से लड़ रहे थे. लाखों रुपए के कर्ज से दारोगा दबे हुए थे. आखिरकार आत्महत्या उन्होंने कर ली.
बिहार के जहानाबाद में तैनात एक दारोगा ने सोमवार को खुदकुशी कर ली. आत्महत्या की खबर जंगल में आग की तरह फैली. पुलिस महकमे में सनसनी फैल गयी. मृतक की पहचान परमेश्वर पासवान के रूप में हुई है जो जहानाबाद जिले के बराबर पर्यटन थाने में तैनात थे. मृतक दारोगा मूल रूप से सुपौल जिले के राघोपुर थाना क्षेत्र के सातनपट्टी गांव के रहने वाले थे. कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से परमेश्वर पासवान जूझ रहे थे और इलाज के लिए लाखों रुपए खर्च करके कर्ज से परेशान थे.
कैंसर से जूझ रहे थे दारोगा, कर्ज से थे परेशान
मिली जानकारी के अनुसार, परमेश्वर पासवान लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे. देश के कई बड़े अस्पतालों में उनका इलाज चला. लाखों रुपए उन्होंने अपने इलाज में खर्च किए. लेकिन राहत नहीं मिली. उनकी बिमारी अब गंभीर होने लगी थी. एकबार फिर से इलाज के लिए उन्हें मुंबई जाना था. लेकिन कर्ज इस कदर बढ़ चुका था कि पैसे की अब किल्लत होने लगी थी. इस कारण वो मानसिक तनाव में थे.
पंखे के सहारे फंदे से झूले
घोसी एसडीपीओ संजीव कुमार ने दारोगा के बारे में बताया कि वो अक्सर अपनी बीमारी और भविष्य को लेकर निराश रहते और अपने साथियों से इसकी चर्चा करते थे. सोमवार को शाम करीब 4:15 बजे जब पुलिसकर्मी उनके कमरे में गए तो देखा कि पंखे की हुक से फांसी उन्होंने लगा ली है. थाना परिसर में ही यह कमरा था. पुलिस गाड़ी के ड्राइवर के साथ वो रहते थे.
पुलिस महकमे में मचा हड़कंप
दारोगा के सुसाइड करने की खबर से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में एसपी भी मौके पर पहुंचे और घटना की जांच शुरू हुई. मृतक के परिजनों को इसकी सूचना दे दी गयी. ऐसा माना जा रहा है कि बीमारी और बढ़ते कर्ज के टेंशन से ही दारोगा ने खुदकुशी की होगी. शव को पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा