होली का रंग बाजार पर भी चढ़ने लगा है. शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों के बाजार में रौनक दिखने लगी है.
दरभंगा.
होली का रंग बाजार पर भी चढ़ने लगा है. शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों के बाजार में रौनक दिखने लगी है. रंग-गुलाल, पिचकारी से लेकर बच्चों के लिए डिजाइनर धोती-कुर्ता सेट, खाद्यान्न, मेवा व मसाले की दुकानें सज गई है. कारोबारियों को इस होली में 30 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार की उम्मीद है. फल, सब्जी, मटन, चिकन, मछली की भी लाखों रुपये की बिक्री का अनुमान है. बाजार एवं अन्य भीड़ वाले चौक-चौराहा पर मलिंगा बाल, ब्लैक बाल, ब्राउन बाल, मूंछ व दाढ़ी वाले मास्क, मिक्की माउस का मास्क, छोटा भीम, मोटू-पतलू के मास्क से बाजार सज गया है.
50 लाख से अधिक के रंग-गुलाल की बिक्री की उम्मीद
इस बार जिले में 50 लाख से अधिक के रंग-गुलाल के कारोबार की संभावना है. दरभंगा टावर स्थित थोक रंग-अबीर कारोबारी शमशेर ने बताया कि यहां से बहेड़ी, कुशेश्वरस्थान, हनुमाननगर, केवटी, जाले, भरवाड़ा, सिंहवाड़ा, बेनीपुर, बिरौल आदि क्षेत्र में रंग-अबीर एवं विभिन्न वैरायटी की पिचकारी की आपूर्ति होती है. इस बार 20 फीसदी कारोबार बढ़ने की संभावना है. अभी थोक में रंग 20 रुपये प्रति डब्बा बिक रहा है, जबकि अबीर 50 रुपये में 600 ग्राम बेचा जा रहा है.
बच्चों को भा रहा सिलेंडर गुलाल, मुर्गा बाल के साथ मास्क
पिचकारी बाजार में बच्चों के लिए इस बार सिलेंडर गुलाल व कलर शूटर आया है. यह बच्चों को खूब भा रहा है. साथ ही मुर्गा बाल के साथ नकाब आकर्षित कर रहा है. पिचकारी कारोबारी कैलाश भगत ने बताया कि सिलेंडर गुलाल 1200 से 1800 रुपये, तो कलर शूटर 1100 रुपये पैकेट बिक रहा है. डोरेमेन, मोटू पतलू, छोटा भीम, टैंक पिचकारी, घोड़ा पिचकारी, आम, लीची, अमरुद, कटहल पिचकारी 25 से 1000 रुपये तक है. पटाखा वाला अबीर, हर्बल रंग, सिल्वर रंग पटाखा अबीर 50 से लेकर 150 रुपये तक तथा हर्बल रंग 20 रुपये पाउच से लेकर 100 रुपये तक बिक रहे हैं.
10 करोड़ का होगा मसाला व मेवा का कारोबार
बाजार विशेषज्ञों की मानें तो मेवा व मसाला का 10 करोड़ से अधिक का कारोबार होगा. लगभग सभी चीजों के दाम स्थिर हैं. कारोबारी अमृत खर्गा ने बताया कि होली में मेवा, काजू, किशमिश, छुहारा, गरी गोला व मूंगफली की बिक्री दोगुनी हो जाती है. लोग अपने बजट में अलग से व्यवस्था कर मेवा की खरीदारी करते हैं.
छींट वाली लूंगी व पैरोट की डिमांड
रेडीमेड व्यवसायी रामगोपाल के अनुसार, होली में छींट वाली लूंगी व पैरोट वाली गंजी की खूब बिक्री होती है. यह चेन्नई व कोलकाता से आते हैं. बच्चों के लिये लोग धोती वाला पजामा व कुर्ता खरीदते हैं. लड़कियों के लिए रंगीन सूती फ्रॉक आया है