Tuesday, May 13, 2025

 बंगाल की महिलाएं भी ले रहीं झारखंड की मंईयां योजना का लाभ, लिस्ट में पुरुष भी

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झारखंड की मंईयां सम्मान योजना में पोटका प्रखंड के चाकड़ी पंचायत में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहाँ मुस्लिम परिवार न होने के बावजूद आठ मुस्लिम लाभार्थियों के नाम सूची में पाए गए जिनमें एक पुरुष भी शामिल है। जांच में पता चला कि इनके मोबाइल नंबर बंगाल के हैं और फर्जी राशन कार्ड का उपयोग किया जा रहा है।

 मंईयां सम्मान योजना (Maiya Samman Yojana) में पोटका प्रखंड के चाकड़ी पंचायत से चौंकाने वाला फर्जीवाड़ा सामने आया है। पंचायत में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है, फिर भी यहां आठ मुस्लिम लाभार्थियों के नाम सूची में शामिल हैं, जिनमें एक पुरुष भी है।

सत्यापन में खुलासा हुआ कि इनके मोबाइल नंबर बंगाल के हैं और योजना का लाभ लेने के लिए फर्जी राशन कार्ड का सहारा लिया जा रहा है। कई अन्य परिवारों के नाम भी पंचायत से असंबद्ध पाए गए, जिससे फर्जीवाड़े का जाल बंगाल तक फैलने की आशंका जताई जा रही है।

क्षेत्र में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं, लेकिन…

चाकड़ी पंचायत की मुखिया संगीता सरदार ने स्पष्ट किया कि उनके क्षेत्र में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है, परंतु सत्यापन सूची में आठ मुस्लिम नाम शामिल हैं। इनमें रश्मिना खातून, रेजिना खातून, शबनम बानो, नूर सबा बेगम, अलीमा अंदेरा, अंजुमा बेगम, शहनाज परवीन और सबसे आश्चर्यजनक रूप से एक पुरुष मोहम्मद अब्दुल हमीद शामिल हैं।

यह योजना विशेष रूप से महिलाओं के लिए है, ऐसे में पुरुष का लाभार्थी होना गंभीर अनियमितता को दर्शाता है। त्यापन के दौरान 198 लाभार्थियों की सूची जांच के लिए पंचायत को भेजी गई। मुखिया ने जब इन लाभार्थियों के मोबाइल नंबरों पर संपर्क करने का प्रयास किया, तो अधिकांश नंबर पश्चिम बंगाल के निकले।

कुछ अन्य नंबर भी झारखंड से बाहर के राज्यों से संबंधित पाए गए। यह खुलासा करता है कि फर्जी राशन कार्ड और गलत पहचान के आधार पर लाभ उठाया जा रहा है। मुखिया संगीता सरदार ने बताया कि पंचायत में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया उनकी देखरेख में हुई थी, परंतु इन असंबद्ध नामों का समावेश कैसे हुआ, यह रहस्य बना हुआ है।

लिखित शिकायत कर कार्रवाई की मांग

उन्होंने कहा, हमारे पंचायत में न तो इनका कोई अस्तित्व है और न ही इन्हें किसी ने देखा है। यह सूची कैसे तैयार हुई, यह जांच का विषय है। उन्होंने लिखित शिकायत दर्ज कर कार्रवाई की मांग करने की बात कही। फर्जीवाड़े का दायरा केवल मुस्लिम नामों तक सीमित नहीं है।

सूची में शेरन बर्मन, अच्छा सिंघा, साटो बर्मन, चंदा कुमारी, अलका कुमारी और आरती कुमारी जैसे नाम भी शामिल हैं, जिनका चाकड़ी या आसपास के पंचायतों से कोई संबंध नहीं है।

यह स्थिति योजना के लाभार्थी चयन में गंभीर लापरवाही और संभावित भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती है।स्थानीय निवासियों में इस खुलासे को लेकर आक्रोश है। उनका कहना है कि जिन्हें वास्तव में योजना का लाभ मिलना चाहिए, वे वंचित रह रहे हैं, जबकि फर्जी लोग सरकारी धन का दुरुपयोग कर रहे हैं।

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