Friday, January 24, 2025

फरियाली खाना-चावल से बने कप से पीएं चाय, व्रत या त्योहार बर्तन का झंझट खत्म, पिएं और कप खाएं

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किसी चाय की दुकान पर आपसे कहा जाए कि चाय पीजिए और कप खा जाइएगा, तो आपका रिएक्शन चौंकाने वाला होगा, लेकिन रतलाम की एक चाय की दुकान पर आप चाय पी भी सकते हैं और कप को खा भी सकते हैं. जी हां रतलाम के एक युवा चाय वाले संस्कार जैन ने यूट्यूब पर देख कर डिस्पोजल कप का रिप्लेसमेंट ढूंढ लिया. वह चावल के आटे से बने कप में लोगों को चाय परोस रहा है. जहां लोग चाय की चुस्की के लुत्फ के साथ कप को खा कर चाय- बिस्किट जैसा टेस्ट ले रहे हैं. संस्कार के इस आईडिया को अच्छा रिस्पांस मिल रहा है और लोग इस खास कप में चाय पीने और खाने पहुंच रहे हैं.

बंद हुए डिस्पोजल तो आया आइडिया

दरअसल, स्वच्छता अभियान 2025 की तैयारी में जुटे रतलाम नगर निगम ने चाय, नाश्ता एवं खाने-पीने की दुकानों पर डिस्पोजल और प्लास्टिक का इस्तेमाल पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है. इसके लिए जागरूकता के साथ ही चालानी कार्रवाई भी नगर निगम द्वारा की जा रही है. इसके बाद अधिकांश दुकानों पर कप प्लेट व कांच की गिलासों की वापसी हो चुकी है, लेकिन युवा संस्कार जैन ने कुछ अलग करने का सोचा और चावल से बने गिलास के प्रयोग के बारे में जानकारी ली.

यह कप स्वाद में आइस्क्रीम के कोन की तरह ही लगते हैं. संस्कार ने मेरठ से यह विशेष खाने योग्य कप मनवाएं और खाने वाले कप में लोगों को चाय पिलाना शुरू कर दिया.

20 रुपए में चाय बिस्कुट जैसा आनंद

संस्कार जैन ने बताया कि “आमतौर पर लोग चाय बिस्किट के स्वाद का लुत्फ तो लेते ही हैं. 20 रुपए में वह चाय बिस्किट, टोस्ट या खारी के कॉम्बिनेशन की तरह ही चाय की चुस्की और कप के स्वाद का आनंद ले सकते हैं. इसमें शुगर भी नहीं होती है. जिसकी वजह से ग्राहक इसे खूब पसंद कर रहे हैं.”

उपवास है तो फलहारी कप भी रहेगा मौजूद

संस्कार ने अपनी दुकान पर लिखा है कि चाय पीजिए और कप खाइए. इसे देख कर लोग चाय पीने पहुंचते हैं. हालांकि कई लोगों ने उपवास होने पर चावल के आटे से बने इन कप में चाय पीने से इनकार कर दिया. इसके लिए भी संस्कार ने नई व्यवस्था जोड़ ली है. राजगिर के आटे से फलाहारी कप बनवाने की तैयारी भी संस्कार ने कर ली है. इसके अतिरिक्त मांगे जाने पर कुल्हड़ एवं कप प्लेट में भी यहां चाय पिलाई जाती है.

स्वच्छता अभियान में भी कर रहे सहयोग

रतलाम नगर निगम के स्वच्छता अभियान में भी संस्कार जैन अपने अनोखे जुगाड़ से सहयोग कर रहे है. अब इस चाय की दुकान से न के बराबर कचरा ही निकल रहा है, क्योंकि चाय पीने के बाद ग्राहक बड़े चाव से कप को खा जाते हैं. जिससे एक पंथ दो काज हो रहे हैं. एक तरफ जहां डिस्पोजल का कचरा नहीं करके स्वच्छता अभियान में मदद की जा रही है तो वहीं, कप प्लेट एवं गिलास धोने में वेस्ट होने वाले पानी की भी बचत हो रही है.

बहरहाल संस्कार जैन के इस जुगाड़ को अन्य दुकानदार भी अपनाने लगे हैं. वहीं,यदि आप भी चाय की चुस्की और कप को खाने का लुत्फ उठाना चाहते हैं तो रतलाम आकर कार्यालय के बाहर चाय की इस खास दुकान पर पहुंच जाइए.

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