नयी दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार 25 मई को चर्चित रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 122वें एपिसोड में प्रमुख ज्वलंत मुद्दों समेत विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार रखे. माओवाद के खिलाफ चल रहे सरकार के अभियान की भी चर्चा की. उन्होंने कहा, इससे प्रभावित रह चुके क्षेत्रों में विकास एवं शिक्षा को बढ़ावा मिल रहा है.
बता दें कि सरकार ने मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद समाप्त करने की बात कही है. इसके लिए ऑपरेशन के साथ-साथ विकास के काम भी किये जा रहे हैं. पीएम मोदी ने अपने मासिक ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम में माओवादी हिंसा की चपेट में रहे छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा और महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में काटेझरी जैसे दूरदराज के गांवों में दी जा रही बुनियादी सुविधाओं की चर्चा की.
प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र के काटेझरी गांव का जिक्र करते हुए कहा, “बस से यात्रा करना आम बात है लेकिन मैं आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताना चाहता हूं, जहां पहली बार बस आई. वहां के लोग इस दिन का वर्षों से इंतजार कर रहे थे और जब पहली बार गांव में बस आई, तो लोगों ने ढोल-नगाड़े बजाकर उसका स्वागत किया.”
उन्होंने छत्तीसगढ़ के बस्तर और दंतेवाड़ा क्षेत्रों में विज्ञान प्रयोगशालाओं जैसी शैक्षणिक सुविधाओं के प्रसार का भी उदाहरण दिया. इन इलाकों में कक्षा 10वीं और 12वीं के परीक्षा परिणाम बेहतर आने पर खुशी जतायी. उन्होंने कहा कि दंतेवाड़ा जिला 95 प्रतिशत परिणामों के साथ 10वीं कक्षा की परीक्षा में छत्तीसगढ़ में शीर्ष स्थान पर रहा. 12 वीं कक्षा की परीक्षा में राज्य में छठा स्थान प्राप्त किया.
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘मन की बात. की पिछली कड़ी में उन्होंने बस्तर ओलंपिक और माओवाद प्रभावित जिलों में विज्ञान प्रयोगशालाओं की सफलता पर चर्चा की थी. उन्होंने कहा कि यहां के बच्चे विज्ञान के प्रति जुनूनी हैं और खेलों में कमाल कर रहे हैं. ये प्रयास बताते हैं कि इन क्षेत्रों में रहने वाले लोग साहसी हैं. चुनौतियों के बावजूद उन्होंने ऐसा रास्ता चुना है जो उनके जीवन को बेहतर बनाता है.
