पहलगाम : जम्मू कश्मीर के प्रमुख टूरिस्ट प्लेस पहलगाम में सोमवार को चीख पुकार मच गई. लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहे थे. आतंकियों की गोलियों के बीच वहां का दृश्य बहुत ही खौफनाक था. आतंकियों द्वारा किए गए इस हमले में कई लोग (26) मारे गए और 20 पर्यटक घायल थे.
कोई अपनी पत्नी, तो कोई अपने बेटे, तो कोई अपनी मां को खोज रहा था. किसी को पता नहीं चला आखिर यह सब कैसे हो गया. पहलगाम के बैसरन के मैदानों में यह हमला किया गया. यह दक्षिण कश्मीर के मशहूर पर्यटक स्थल है. हाल के समय में इतना बड़ा हमला यहां पर नहीं देखा गया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार आतंकवादी भारी हथियारों से लैस थे. वे बैसरन की घाटी से निकले और उन्होंने वहां पर जितने भी पर्यटक मौजूद थे, उन्हें चारों ओर से घेर लिया. उसके बाद आतंकवादियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. कई लोग मौके पर ही मारे गए. 20 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं.
घटना के दौरान जो भी स्थानीय लोग मौजूद थे, जो अपना कारोबार चला रहे थे, आतंकियों की गोलियों के सामने बेबस नजर आए, और वे भी अपनी जान बचाने के लिए भाग गए. इसके बाद वहां पर मौजूद सभी पर्यटक बेबस हो गए.
इस घटना की गवाह एक महिला पर्यटक ने मीडिया को बताया कि उनके पति का धर्म पूछा गया और जैसे ही उन्हें पता चला कि वह उस धर्म से नहीं हैं, उनके सिर में गोली मार दी गई. वह महिला लगातार रोए जा रही थी, वहां पर मौजूद लोगों से अपने पति की जान की भीख मांग रही थी. उसने लोगों से गुहार लगाई कि उनके पति को जल्द से जल्द हॉस्पिटल ले जाया जाए.
इस महिला का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि वह मदद की गुहार लगा रही है, भैयार मेरे पति को बचा लो… स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि जिस जगह पर हमला हुआ है, वहां पर घास का बड़ा मैदान है और वहां पर या तो आप पैदल या फिर किसी खच्चर की सवारी कर पहुंच सकते हैं.
उन्होंने बताया कि इस वजह से मदद पहुंचने में भी देरी हुई. जल्द मदद पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टर का सहारा लिया गया. कुछ घायलों को खच्चरों पर लादकर पास के अस्पताल में पहुंचाया गया.
आतंकियों की गोलीबारी के बाद कई लोग मदद करने के लिए आए. उन्होंने घायलों को अस्पताल ले जाने में मदद की. उन्होंने घायल पर्यटकों को अपने कंधे पर उठाया और उन्हें पास के वाहन पर चढ़ाकर भेजने में मदद की. मदद करने वालों में गाइड और टट्टू चालक शामिल थे. वैसे, हमले की खबर फैलते ही पहलगाम की सड़कें और गलियां सुनसान हो गईं, क्योंकि बड़ी संख्या में आए पर्यटक शहर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए.
इस घटना को लेकर पूरा देश स्तब्ध है. प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री ने इस आतंकी घटना की निंदा की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमला हाल के वर्षों में आम लोगों पर हुए किसी भी हमले से कहीं बड़ा है.
इससे पहले साल 2000 में पहलगाम स्थित अमरनाथ आधार शिविर पर हुए आतंकवादी हमले में 30 से अधिक लोग मारे गए थे और 60 अन्य घायल हुए थे. इसके एक वर्ष बाद शेषनाग में अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर हुए हमले में 13 लोग मारे गए थे और 15 अन्य घायल हुए थे, जबकि वर्ष 2002 में पहलगाम क्षेत्र में हुए एक अन्य हमले में 11 लोग मारे गए थे. वर्ष 2017 में अमरनाथ यात्रा के दौरान एक आतंकी हमले में आठ तीर्थयात्री मारे गए थे. पिछले साल मई में पहलगाम के यन्नार में आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में राजस्थान का एक पर्यटक दंपति घायल हो गया था.