पटना मेट्रो ने सस्ती बिजली मांगी है, इसके साथ ही विशेष टैरिफ बनाने का आग्रह किया है. पटना मेट्रो ने बिजली दर निर्धारण के लिए महाराष्ट्र, दिल्ली, यूपी सहित कई शहरों में मेट्रो रेल को दिये गये टैरिफ स्ट्रक्चर का हवाला दिया है.
पटना मेट्रो के दोनों कॉरिडोर दानापुर से मीठापुर (वाया बेली रोड) और पटना स्टेशन से न्यू आइएसबीटी (वाया अशोक राजपथ) पर मेट्रो रेल सेवाएं देने पर करीब 40 एमवीए (मेगावोल्ट एंपियर) की औसत खपत होगी. पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएमआरसीएल) यह बिजली साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी से लेगी. साथ ही निर्बाध व गुणवत्तायुक्त बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने को लेकर मेट्रो डिपो सहित स्टेशनों के पास छोटे-छोटे पावर सब स्टेशन स्थापित करेगी. पीएमआरसीएल ने मेट्रो सेवाओं को पब्लिक यूटिलिटी बताते हुए यात्रियों को किफायती दर पर टिकट उपलब्ध कराने के लिए टैरिफ में रियायत दिये जाने और मेट्रो के लिए विशेष टैरिफ निर्धारित किये जाने की मांग की है
महाराष्ट्र, दिल्ली, यूपी सहित कई शहरों की बिजली दर का दिया हवाला
पटना मेट्रो ने बिजली दर निर्धारण के लिए महाराष्ट्र, दिल्ली, यूपी सहित कई शहरों में मेट्रो रेल को दिये गये टैरिफ स्ट्रक्चर का हवाला दिया है. पीएमआरसीएल के मुताबिक मेट्रो को महाराष्ट्र और यूपी में सबसे कम 5.31 रुपये प्रति किलोवाट की दर से बिजली मिलती है, जबकि यूपी में सबसे अधिक 7.30 रुपये प्रति यूनिट की दर निर्धारित है. कई राज्यों में मेट्रो को दी जाने वाली बिजली विशेष श्रेणी में रखी गयी है. रियायती दर पर बिजली मिलने से यात्रियों पर उसका बोझ नहीं पड़ेगा.
प्रायोरिटी कॉरिडोर के लिए इसी साल मिलेगी बिजली
पीएमआरसीएल ने बिजली कंपनियों को बताया है कि अगस्त, 2025 में प्रायोरिटी कॉरिडोर पर मेट्रो रेल का परिचालन शुरू किये जाने की योजना है. इसलिए इस साल 20.44 एमवीए बिजली खपत की संभावना है. इनमें 33% बिजली ट्रैक्शन पर, जबकि शेष 66% बिजली मेट्रो स्टेशनों व डिपो में उपलब्ध सेवाओं पर खर्च होगी. हर 10 साल पर बिजली खपत 10% बढ़ने का अनुमान है.
मेट्रो परिसर में बिजली खपत पर टीओडी नहीं हो लागू
पटना मेट्रो ने बिहार राज्य विद्युत विनियामक आयोग से भी आग्रह किया है कि बिजली कंपनियों द्वारा प्रस्तावित टाइम ऑन डे (टीओडी) टैरिफ मेट्रो रेल सेवाओं पर लागू नहीं किया जाये. चूंकि मेट्रो रेल सुबह छह बजे से रात 11 बजे तक चलेगी. इससे लीन ऑवर में कम दर बिजली का फायदा नहीं मिलेगा. पटना मेट्रो सोलर एनर्जी पर भी काम कर रही है. इसलिए बिजली कंपनी से अनुरोध किया गया है कि ग्रिड कनेक्टेड सोलर एनर्जी दिये जाने पर उसका मुआवजा मिले. साथ ही मेट्रो रेल सेवाओं के लिए केवल लैग कन्फिगरेशन वाले ऊर्जा मीटर के निर्माण की मंजूरी देने की मांग भी की गयी है.