देवघर: झारखंड का देवघर जिला बैद्यनाथ धाम मंदिर के लिए विश्व प्रसिद्ध है. लेकिन पिछले कुछ वर्षों से जिले में बढ़ रहे साइबर अपराध की घटनाओं की वजह से देवघर अब पूरे देश में साइबर अपराधियों के हॉटस्पॉट के रूप में भी जाना जाने लगा है.
देवघर में साइबर अपराधियों की गतिविधि की बात करें तो जिले के हर क्षेत्र में साइबर अपराधी लगातार गिरफ्तार हो रहे हैं. संथाल परगना के आईजी क्रांति कुमार बताते हैं कि सिर्फ मार्च महीने में 100 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. जबकि पिछले एक साल में करीब एक हजार से कुछ ज्यादा अपराधी जेल जा चुके हैं.
उन्होंने कहा कि जब से वह संथाल परगना में आईजी के रूप में पद संभाले हैं तब से वह पूरे प्रमंडल के सभी महत्वपूर्ण थानों में जाकर पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं. देवघर जिले की यदि बात करें तो मधुपुर, सारठ, पालोजोरी, सारवां और मोहनपुर में लगातार साइबर अपराधियों को ट्रेस कर उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है.
आईजी क्रांति कुमार ने बताया कि जिस तरह से प्रतिदिन देवघर पुलिस साइबर से जुड़े अपराधियों को गिरफ्तार कर रही है, इससे कहीं ना कहीं पिछले 6 महीने में साइबर अपराध की घटनाओं में कमी आई है.
वहीं देवघर के डीएसपी लक्ष्मण प्रसाद ने बताया कि जिले के पुलिस अधीक्षक अजीत पीटर डुंगडुंग के निर्देश पर प्रतिदिन विभिन्न इलाकों में छापेमारी की जा रही है और प्रतिदिन अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है. सोमवार को भी विभिन्न थानों से 10 अपराधियों को पकड़ कर जेल भेजा गया है.
देवघर पुलिस अधीक्षक के आदेश पर साइबर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए एक विशेष टीम बनाई गई है जो अपनी सूचना तंत्र के माध्यम से विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी कर अपराधियों की गिरफ्तारी करती है.
झारखंड पुलिस के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019 से 2024 तक पूरे राज्य से करीब 5100 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है जिसमें ज्यादातर अपराधियों को देवघर और जामताड़ा से ही गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस ने बताया कि जिन आरोपियों का नाम प्रतिबिंब एप में आता है, उसे ही पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेजने का काम करती है. कई बार पुलिस पर यह आरोप लगाये जाते हैं कि वो अपराधियों को गिरफ्तार करती है और पैसे लेकर छोड़ देती है. इस आरोप पर पुलिस पदाधिकारियों ने कहा कि प्रतिबिंब एप के मैपिंग के आधार पर पुलिस लोगों को गिरफ्तार करती है. जिनका मोबाइल नंबर प्रतिबिंब एप पर मैपिंग होता है सिर्फ उन्हें ही गिरफ्तार किया जाता है. जिनका प्रतिबिंब एप में नंबर नहीं आता है, उन्हें पड़ताल करने के बाद छोड़ दिया जाता है.
उन्होंने कहा कि पुलिस की यह कोशिश रहती है कि साइबर अपराधियों की साजिश का कोई निर्दोष व्यक्ति शिकार न बन जाए. साइबर पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी फ्रॉड के फोन को गंभीरता से ना लें. फोन पर किसी भी तरह का ओटीपी या फिर बैंक अकाउंट शेयर न करें. यदि उसके बावजूद आम लोगों को फोन कॉल्स आते हैं या फिर परेशान किया जाता है तो तुरंत ही स्थानीय पुलिस से संपर्क करें.
गौरतलब है कि पुलिस यह दावा कर रही है कि पिछले कुछ महीनों से देवघर जिले में साइबर से जुड़े अपराध कम हुए हैं. लेकिन जिस तरह से प्रतिदिन गिरफ्तारी के आंकड़े बढ़ रहे हैं, यह बता रहा है कि आज भी साइबर अपराधी जिले में सक्रिय हैं.