चतरा-झारखंड के चतरा जिला प्रशासन और खनन विभाग ने खनिजों के अवैध उत्खनन, परिवहन, भंडारण के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई की है. छह पत्थर माइंस पर 47.17 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है. यह जानकारी उपायुक्त रमेश घोलप ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस में दी. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का निर्देश है कि अवैध खनन, परिवहन और भंडारण के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करें. इसे लेकर अपर समाहर्ता अरविंद कुमार की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर पत्थर माइंसों की जांच करायी गयी.
खनन शर्तों के उल्लंघन पर कार्रवाई
कमेटी ने लीज के अनुसार पत्थर माइंसों की जांच की, जिसमें काफी गड़बड़ी पायी गयी. लीज क्षेत्र से हट कर अवैध रूप से पत्थर का खनन, सरकारी जमीन पर पत्थर का खनन, चालान से अधिक पत्थरों का उत्खनन, खनन शर्तों का उल्लंघन पाया गया. कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर छह माइंसों के संचालकों पर जुर्माना लगाया गया है. उपायुक्त ने कहा कि माइंस की जांच चल रही है. जुर्माना की राशि बढ़ सकती है. कुछ माइंस में पानी भरा रहने के कारण जांच पूरी नहीं हो पायी हैं. जांच प्रक्रिया जारी हैं.
इनकी लीज रद्द करने की अनुशंसा
उपायुक्त ने बताया कि सरकारी जमीन पर पत्थरों का उत्खनन करनेवाले माइंस संचालकों का लीज रद्द करने की अनुशंसा की गयी है. फिलहाल चार माइंस संचालकों पर उत्खनन कार्य बंद करा दिया गया है. नोटिस जारी कर तत्काल खनन पर रोक लगा दी गयी है. अवैध खनन, परिवहन व भंडारण के विरुद्ध कार्रवाई चलती रहेगी. नियमों का उल्लंघन करनेवालों पर सख्त कार्रवाई होगी. कमेटी में अपर समाहर्ता के अलावा डीएमओ, खनन निरीक्षक, संबंधित एसडीओ, सीओ शामिल थे.