झारखंड में निजी दुकानों से शराब की बिक्री 1 जुलाई से शुरू होगी जिसपर सरकार की कड़ी निगरानी रहेगी। नई उत्पाद नीति में ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम को बेहतर बनाया गया है ताकि अवैध शराब की बिक्री को रोका जा सके। पंजाब हरियाणा मध्य प्रदेश से होने वाली अवैध शराब की सप्लाई पर भी सख्ती से नजर रखी जा रही है।
रांची। राज्य में एक जुलाई से निजी दुकानदारों के माध्यम से शराब की खुदरा बिक्री शुरू हो जाएगी। नई उत्पाद नीति को कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही इससे संबंधित गतिविधियां तेज है। इसी बीच पूर्व की गलतियों से सीख लेते हुए राज्य सरकार प्रभावी तरीके से नई उत्पाद नीति को लागू करने की तैयारी में है।
विभागीय अधिकारी योगेंद्र प्रसाद ने भी हाल ही में अधिकारियों के साथ बैठक कर इससे संबंधित दिशा-निर्देश दिया था। बैठक का निष्कर्ष यही था कि सरकार की सख्त निगरानी में ही निजी दुकानदार राज्य में शराब की खुदरा बिक्री कर सकेंगे।
नई उत्पाद नीति में ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम को और प्रभावी बनाने व उत्पाद रसायन प्रयोगशाला को सशक्त बनाने पर जोर है। इससे यह होगा कि उत्पाद विभाग के स्कैनर हर वक्त ट्रैकिंग करते रहेंगे कि बाजार में नकली या अवैध शराब की खपत तो नहीं हो रही है।
वहीं, उत्पाद रसायन प्रयोगशाला में आए दिन शराब के नमूनों की जांच होगी, ताकि उसकी गुणवत्ता को परखा जा सके। उत्पाद मंत्री ने रांची के उत्पाद भवन स्थित उत्पाद रसायन प्रयोगशाला का निरीक्षण भी किया था और वहां के विशेषज्ञों से इस दिशा में बात भी की थी।
पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश से अवैध शराब की सप्लाई रोकने को सक्रिय होगी खुफिया एजेंसियां
राज्य में सबसे ज्यादा पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश से अवैध शराब की सप्लाई होती रही है। इसके विरुद्ध उत्पाद विभाग व जिला पुलिस की टीम ने पूर्व में बड़ी कार्रवाई की है। यहां से आने वाली शराब को राज्य की अवैध फैक्ट्रियों में री-पैकेजिंग कर फर्जीवाड़ा कर झारखंड में खपाया जाता रहा है।
एक दिन पहले ही पलामू पुलिस ने करीब 5400 लीटर अवैध शराब बरामद की थी। शराब की कीमत करोड़ में बताई जा रही है। ये शराब रेडिमेड कपड़ा लदे ट्रक में छुपाकर पंजाब से लाई जा रही थी। पलामू में इससे पहले भी शराब की खेप व उससे जुड़े माफिया पकड़े जा चुके हैं।
पलामू पंजाब-हरियाणा से अवैध शराब का बिहार रूट भी रहा है, जिसका कई बार खुलासा हो चुका है। इस जिले से अवैध शराब की सप्लाई रोकने के लिए उत्पाद विभाग व पुलिस की खुफिया एजेंसियां और सक्रिय होगी, ताकि गुणवत्ता बरकरार रहे और राजस्व का भी नुकसान न हो। अनियमितता बरतने वाले दुकानदारों पर भी सीधी कार्रवाई हो सकेगी।