रांची: झारखंड को एक और नए मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल की सौगात मिली है. नामकुम में केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने 220 बेड और 50 एमबीबीएस सीट वाले ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज अस्पताल का उद्घाटन किया. अगले सत्र से यहां 50 सीटों पर एमबीबीएस की पढ़ाई भी होगी.
बता दें कि इस 50 सीट में 40% सीट ईएसआईसी के तहत आने वाले श्रमिकों के बच्चे के लिए आरक्षित होगी. इस मौके पर रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ और राज्यसभा सांसद प्रदीप वर्मा की भी उपस्थित रही.
100 करोड़ की लागत से 16360 वर्ग मीटर क्षेत्र में बने अत्याधुनिक ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज अस्पताल का लाभ रांची और आसपास के ईएसआईसी के अंतर्गत आनेवाले करीब 5 लाख श्रमिक परिवार को मिल सकेगा.
अत्याधुनिक सुविधा से लैस
आज लोकार्पित ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में व्यापक स्पेशलिटी और सुपर स्पेशलिटी, ओपीडी, इमरजेंसी, आईसीयू, 4 मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर, सामान्य चिकित्सा, सर्जरी, स्त्री रोग, हड्डी रोग, नेत्र और दंत चिकित्सा के साथ साथ योग का भी विभाग होगा. इस नए अस्पताल में अत्याधुनिक फार्मेसी और डायग्नोस्टिक सुविधा भी उपलब्ध होगी.
भारत बदल गया है, न पीठ दिखाता है, न हाथ फैलाता हैः संजय सेठ
उद्घाटन समारोह में अपने संबोधन में रक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्त्व में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री के रूप में मनसुख मंडाविया ने जिस मजबूती से काम किया, उसका नतीजा है कि हमने कोरोना को पराजित किया. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 लाख रुपये की पीएम जय योजना की सौगात दी है.
संजय सेठ ने कहा कि देश 2047 तक एक विकसित भारत बनने की ओर अग्रसर है. रक्षा राज्य मंत्री ने मनसुख मंडाविया (जो केंद्रीय युवा एवं खेल मंत्री हैं ) से खेल के क्षेत्र में भी राज्य को सौगात देने का आग्रह किया. मुख्य अतिथि की ओर से बीमित श्रमिकों को मिलने वाले कई हित लाभ दिए गए.
यह अस्पताल सिर्फ इमारत नहीं बल्कि श्रम शक्ति के सेवा का केंद्र है. हमारी सरकार श्रमेव जयते के सिद्धांत पर आगे बढ़ती है. देश में सोशल सिक्युरिटी बढ़ाना प्राथमिकता में है. कोरोना काल में कोई भूखा न रहे इसके लिए 80 करोड़ लोगों को राशन दिया जा रहा है. आयुष्मान योजना, 10 करोड़ किसान सम्मान निधि योजना, यह सब सोशल सिक्युरिटी का ही हिस्सा है.
देश में 3 करोड़ 77 लाख परिवार बीमित हैं, जिन्हें 100% मुफ्त और लिमिट लेस, गुणवत्तापूर्ण इलाज का लाभ दिया जाता है. 2000 से ज्यादा बड़े अस्पताल भी ईएसआईसी से इमपैनल हैं ताकि गुणवत्ता पूर्ण इलाज मिल सके.
केंद्रीय श्रम मंत्री ने कहा कि हमारे बीमित श्रमिक ही हमारे लिए सबकुछ हैं. उनके इलाज में कोई कमी न रह जाए, इसका ख्याल हमेशा यहां के डॉक्टरों को रखना होगा.