Join our community of SUBSCRIBERS and be part of the conversation.

To subscribe, simply enter your email address on our website or click the subscribe button below. Don't worry, we respect your privacy and won't spam your inbox. Your information is safe with us.

32,111FollowersFollow
32,214FollowersFollow
11,243FollowersFollow

News

Company:

Wednesday, April 9, 2025

चैत्र नवरात्रि के छठे दिन आज करें मां कात्यायनी की उपासना, शुभ मुहूर्त और विधि यहां देखें

Share

चैत्र नवरात्रि 2025 पर आज नवरात्रि के छठे दिन मां दुर्गा की छठी शक्ति माता कात्यायनी की पूजा की जाएगी. इस दिन रवि योग, सौभाग्य योग, शोभन योग, और बुधादित्य योग जैसे कई शुभ योग भी बन रहे हैं. इन शुभ योगों में मां कात्यायनी की आराधना करने से सभी कार्य सफल होंगे और सुख, शांति तथा समृद्धि में वृद्धि होगी.

चैत्र नवरात्रि की षष्ठी तिथि, अर्थात् छठा दिन, माता कात्यायनी की पूजा के लिए समर्पित है. यह दिन देवी मां के कात्यायनी स्वरूप की आराधना का अवसर है, जिनकी पूजा करने से सभी प्रकार के शत्रुओं का विनाश होता है. मां कात्यायनी का जन्म महर्षि कात्यायन के घर हुआ था, जिसके कारण उनका नाम कात्यायनी पड़ा. आइए, चैत्र नवरात्रि के इस अवसर पर जानें कि आज 3 अप्रैल 2025, गुरुवार को माता कात्यायनी की पूजा किस प्रकार की जानी चाहिए, उनके प्रिय भोग क्या हैं, माता को समर्पित मंत्र कौन से हैं, और माता का स्वरूप कैसा है.

पूजा का शुभ मुहूर्त

मां कात्यायनी की पूजा का शुभ मुहूर्त आज 3 अप्रैल 2025 सुबह 07 बजकर 02 मिनट पर शुरू हो चुका है और यह पूरे दिन जारी रहेगा.

माता का स्वरूप

माता कात्यायनी के स्वरूप का ध्यान करने से भक्तों के सभी दुख दूर हो जाते हैं और उनके चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा का वातावरण निर्मित होता है. माता कात्यायनी का रंग सोने की तरह चमकीला है और उनके चार भुजाएं हैं. माता के दाएं हाथ की ऊपरी भुजा अभय मुद्रा में है, जबकि निचली भुजा वर मुद्रा में है. बाईं ओर के ऊपरी हाथ में तलवार है, और निचले हाथ में कमल का फूल है.

मां कात्यायनी का प्रिय रंग

मां कात्यायनी को लाल रंग अत्यंत प्रिय है. इस दिन भक्तों को चाहिए कि वे लाल रंग के वस्त्र पहनकर माता रानी की पूजा करें और उन्हें लाल फल तथा लाल फूल अर्पित करें.

माता कात्यायनी पूजा की विधि

आज नवरात्रि के छठे दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप, मां कात्यायनी की पूजा की जाएगी. इस दिन की पूजा भी अन्य दिनों की तरह षोडशोपचार विधि से संपन्न की जाएगी. प्रातः स्नान और ध्यान के बाद माता की चौकी के समीप जाएं और मां से प्रार्थना करें. इसके पश्चात, गंगाजल से चौकी के चारों ओर छिड़काव करें. पूरे परिवार के साथ मिलकर माता के जयकारे लगाएं और मां को कुमकुम, रोली, अक्षत, चंदन, पान-सुपारी आदि पूजा सामग्री अर्पित करें. इसके साथ ही, माता को 3 हल्दी की गांठ और पीले फूल अर्पित करें तथा शहद का भोग लगाएं. इसके बाद, कलश देवता और नवग्रह की पूजा भी करें. माता की आरती के लिए कपूर और घी का दीपक जलाएं और परिवार के साथ मिलकर मां की आरती करें. अंत में, दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और अपनी गलतियों के लिए माता रानी से क्षमा मांगें.

Table of contents

Read more

Local News