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Friday, April 11, 2025

चैत्र नवरात्रि 2025 में आज मनाई जा रही है दुर्गाष्टमी,यहां देखिए मां महागौरी की पूजा विधि

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चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन आज मां महागौरी की पूजा की जाएगी. दुर्गाष्टमी के अवसर पर विभिन्न स्थानों पर विशेष समारोहों का आयोजन किया जाता है. यहां हम दुर्गाष्टमी के शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं.

 चैत्र नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. इस पर्व में अष्टमी तिथि का विशेष महत्व है. आज 5 अप्रैल 2025 को अष्टमी के दिन मां दुर्गा की विशेष आराधना की जा रही है. दुर्गाष्टमी के अवसर पर कई स्थानों पर विशेष उत्सवों का आयोजन होता है. यहां हम बता रहे हैं दुर्गाष्टमी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

दुर्गाष्टमी की तिथि आज

चैत्र नवरात्रि में दुर्गा अष्टमी 5 अप्रैल को मनाई जाएगी. वैदिक पंचांग के अनुसार, अष्टमी तिथि 4 अप्रैल को रात 8 बजकर 12 मिनट पर प्रारंभ होगी और 5 अप्रैल को शाम 7 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगी. इसलिए, पंचांग के अनुसार उदयातिथि के अनुसार दुर्गा अष्टमी 5 अप्रैल को मनाई जा रही है.

मां महागौरी की पूजा विधि

सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें. मां की प्रतिमा को गंगाजल से शुद्ध करें. इसके बाद मां को सफेद वस्त्र अर्पित करें, क्योंकि मां महागौरी को सफेद रंग बहुत प्रिय है. मां को रोली, कुमकुम आदि लगाएं. उन्हें पंच मेवा, फल और मिठाई के साथ काले चने का भोग अर्पित करें. इसके बाद मां की आरती करें. अष्टमी के दिन कन्या पूजन करना शुभ माना जाता है.

कन्या पूजन

अष्टमी या नवमी तिथि पर नौ कन्याओं को आमंत्रित करके भोजन कराना शुभ माना जाता है. इस वर्ष चैत्र नवरात्रि में अष्टमी की तिथि 5 अप्रैल और नवमी की तिथि 6 अप्रैल है, इस दिन कन्या पूजन किया जा सकता है. इस अवसर पर हलवा, पूरी, चना और नारियल का प्रसाद दें और कन्याओं के पैर धोकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें.

चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा की उपासना से ग्रहों की शांति

यह मान्यता है कि मां की पूजा करने से कुंडली में मंगल दोष शांत होता है. दुर्गा सप्तशती के पाठ से राहु-केतु की अशुभता कम होती है और नवरात्रि के नौ दिनों में उपवास रखने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव में कमी आती है. इसके अलावा, ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करने से नवग्रह दोष समाप्त होते हैं और दुर्गा सप्तशती का पाठ जीवन में शांति और सौभाग्य को बढ़ाता है.

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