Wednesday, May 14, 2025

खून तो लाल है, फिर नसें क्यों दिखती हैं हरी या नीली? दिलचस्प है इसके पीछे का साइंस

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आपने जरूर ध्यान दिया होगा कि हमारी नसें अक्सर नीली या हरी दिखाई देती हैं जबकि हम सभी जानते हैं कि खून का रंग तो लाल होता है। यह देखकर कई लोगों के मन में सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्यों होता है? क्या हमारी नसों में बहने वाला खून वाकई में नीला या हरा होता है? आइए आज इस दिलचस्प रहस्य के पीछे के विज्ञान को समझते हैं।

नई दिल्ली। कभी आपने गौर किया है कि जब हम अपनी त्वचा के नीचे उभरती नसों को देखते हैं, तो वे अक्सर नीली या हरी रंग की दिखाई देती हैं? अब सवाल यह उठता है- जब खून का रंग लाल होता है, तो नसें नीली या हरी क्यों नजर आती हैं (Why Do Veins Look Blue Or Green)?

अगर आप भी इस सवाल से कभी उलझे हैं (Why Blood Is Red But Veins Blue), तो चलिए जानते हैं इसके पीछे का दिलचस्प साइंस, जो शायद आपने किताबों में भी इस तरह से नहीं पढ़ा होगा।

खून का रंग आखिर लाल क्यों होता है?

हमारे खून में हीमोग्लोबिन नामक एक प्रोटीन होता है, जो ऑक्सीजन को शरीर के हर हिस्से तक पहुंचाने का काम करता है। जब यह हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन से मिलता है, तो उसका रंग चमकदार लाल हो जाता है- यही वो खून है जो हमारे शरीर में दौड़ता है।

नसें नीली क्यों दिखती हैं?

यह एक ऐसा भ्रम है जो हमारी आंखों और दिमाग की मिलकर की गई चाल का नतीजा है। असल में, नसों का रंग नीला या हरा नहीं होता, बल्कि यह सिर्फ हमें ऐसा दिखाई देता है।

क्या है इसके पीछे की वजह?

रोशनी त्वचा की भीतरी परते

विजुअल ट्रिक करती है काम

यह दरअसल एक “विजुअल ट्रिक” है। हमारी आंख और दिमाग मिलकर जो रंग हमें दिखाते हैं, वो जरूरी नहीं कि हकीकत हो। नसों की सतह पर पड़ने वाली रोशनी और त्वचा के नीचे की बनावट मिलकर एक ऐसा भ्रम पैदा करती हैं जिससे वो नीली-सी लगती हैं।

ऑक्सीजन की मात्रा का कोई लेना-देना नहीं

कई लोग सोचते हैं कि नीला रंग इसलिए होता है क्योंकि नसों में ऑक्सीजन-रहित खून होता है। हालांकि, यह सच नहीं है। ऑक्सीजन-रहित खून भी गहरा लाल ही होता है- थोड़ा डार्क, पर नीला नहीं। तो इसका नीला दिखना सिर्फ रोशनी और त्वचा की बनावट का कमाल है, न कि खून के रंग का।

त्वचा का रंग और नसों का अंतर

गोरी त्वचा वाले लोगों में नसें अक्सर ज्यादा स्पष्ट और नीली/हरी नजर आती हैं, जबकि गहरे रंग की त्वचा में ये अंतर कम दिखता है। त्वचा की मोटाई, रंग और नसों की गहराई- ये सब मिलकर यह तय करते हैं कि नसें आपको किस रंग की दिखेंगी।

हर कोई नसों को एक जैसा नहीं देखता

रोचक बात ये है कि हर इंसान की आंखें एक जैसी रंग-सेन्सिटिव नहीं होतीं। किसी को वही नसें थोड़ी हरी, किसी को नीली, और किसी को स्लेटी दिख सकती हैं। यह पूरी तरह आपके विज़ुअल परसेप्शन पर निर्भर करता है।

क्या आपने कभी सोचा था?

नसों का असली रंग नीला या हरा नहीं होता, बल्कि हमें ऐसा दिखता है क्योंकि हमारी आंखें और दिमाग मिलकर रोशनी की किरणों को अलग तरह से देखते और समझते हैं। यह एक विज्ञान और दृष्टि भ्रम का शानदार उदाहरण है और यह साबित करता है कि जो दिखता है, वो हमेशा हकीकत नहीं होता! अब अगली बार जब कोई आपसे पूछे कि “खून तो लाल होता है, तो नसें नीली क्यों दिखती हैं?” तो आप साइंस के साथ जवाब दे सकते हैं और उन्हें भी हैरान कर सकते हैं।

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