- कोडरमा: जिला के डोमचांच स्थित ढाब रोड में अवैध रूप से संचालित ओम होमियो हॉल क्लीनिक में इलाज के दौरान एक मरीज की मौत हो गई. मरीज के परिजनों ने क्लीनिक के डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है. मृतक की पहचान डोमचांच के बेहराडीह निवासी छोटेलाल मेहता के रूप में की गई है.
परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार छोटेलाल मेहता रविवार को रात के करीब 8 बजे डोमचांच बाजार से अपने घर बेहराडीह लौट रहे थे. इसी बीच रास्ते में उनकी मोटरसाइकिल दुर्घटनाग्रस्त हो गई. जिससे उनके शरीर पर हल्की चोटें आईं. इसके बाद जब वे घर पहुंचे तो परिजनों ने उन्हें मलहम पट्टी व दवा लेने की सलाह दी.
इसके बाद वे बेटे व भतीजे के साथ ढाब रोड के महावीर पिंडा के सामने स्थित ओम होमियो हॉल क्लीनिक पहुंचे. जहां के चिकित्सक डॉ. केडी प्रसाद ने घायल व्यक्ति को एक के बाद एक, चार इंजेक्शन लगा दिए. इंजेक्शन लगने के कुछ ही देर बाद घायल छोटेलाल ने क्लीनिक में ही दम तोड़ दिया. जब तक परिजन कुछ समझ पाते डॉक्टर मौका पाकर वहां से फरार हो गया. जिसके बाद किसी तरह शव को उनका बेटे व भतीजे के द्वारा उनके निवास स्थान पर लाया गया.
इस घटना की सूचना पाकर डोमचांच पुलिस क्लीनिक पहुंची और चिकित्सक हो हिरासत में लेकर थाना लेते आई. इस मामले पर कोडरमा सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि उन्होंने डोमचांच रेफरल अस्पताल के प्रभारी डॉ. आशीष को क्लीनिक की जांच के लिए भेजा है.
उन्होंने बताया चिकित्सक डॉ. केडी प्रसाद के सर्टिफिकेट फर्जी पाए जाने की सूचना मिली है. उन्होंने बताया कि उक्त क्लीनिक द्वारा स्वास्थ्य विभाग से किसी भी प्रकार का रजिस्ट्रेशन नहीं लिया गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि जिला में इस प्रकार से जितने भी अवैध रूप से संचालित क्लीनिक है, उस पर विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी.
स्थानीय लोगों की मानें तो झोलाछाप डॉक्टर न सिर्फ मरीज का इलाज करता है बल्कि दवा से सुधार नहीं होने पर झाड़फूंक भी किया करता है. लोगों ने बताया कि पहले ये ढाब में अपना क्लीनिक चलाता था और वहां भी किसी मरीज का उसने गलत इलाज कर दिया था. जिसके बाद वहां के ग्रमीणों के विरोध के बाद वह अपना क्लीनिक डोमचांच के ढाब रोड लेते आया और वह यहाँ मरीजों का इलाज करते लगा.
इस मामले पर डोमचांच थाना प्रभारी ओम प्रकाश ने बताया कि फिलहाल चिकित्सक को थाना लाया गया है. उन्होंने बताया कि चिकित्सक ने अपने होमेओपेथी चिकित्सक होने का सर्टिफिकेट दिखाया है. जिसे स्वास्थ्य विभाग को सौंपकर जांच करवाई जाएगी. वहीं उन्होंने कहा कि मृतक के परिजनों द्वारा आवेदन प्राप्त होने पर चिकित्सक पर कार्रवाई की जाएगी.