कोटा : शहर के जवाहर नगर थाना इलाके में कोचिंग छात्र के आत्महत्या का मामला सामने आया है. घटना के बाद छात्र के शव को एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया है. यह छात्र मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी की तैयारी कर रहा था और कोटा में रह रहा था. छात्र मूल रूप से बिहार का निवासी है और 15 दिन पहले ही कोटा आया था. इस संबंध में छात्र के परिजनों को सूचना दी गई है. फिलहाल आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है.
15 दिन पहले आया था कोटा : जवाहर नगर थानाधिकारी राम लक्ष्मण गुर्जर ने बताया कि क्षेत्र के ही एक हॉस्टल से सूचना मिली थी. इसके बाद मौके पर पहुंचे थे और एफएसएल टीम को भी बुलाया गया था. साथ ही जांच पड़ताल के बाद बॉडी को मोर्चरी में शिफ्ट कर दिया है. छात्र मूल रूप से बिहार के कटिहार का निवासी है. वह 15 दिन पहले ही कोटा आया था और 11वीं के साथ मेडिकल एंट्रेंस की तैयारी कर रहा था. वह अपने एक साथी के साथ रूम शेयर करके रहता था.
कमरा नहीं खोला तो हुआ शक : उन्होंने बताया कि दूसरा लड़का डिनर के लिए चला गया था, जब वापस आया तो छात्र ने कमरे का दरवाजा नहीं खोला. इसके बाद उसने हॉस्टल मालिक को बताया. दोनों को शक हुआ तो उन्होंने इस संबंध में तुरंत पुलिस को सूचना दी. हॉस्टल रूम का दरवाजा तोड़कर देखा तो सभी के होश उड़ गए. छात्र को आनन-फानन में अस्पताल लेकर गए, जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. कमरे को फिलहाल बंद कर दिया है.
बिना पोस्टमार्टम के शव लेकर गए परिजन : मृतक के चाचा घटना की जानकारी के बाद कोटा पहुंच गए थे, उनका कहना था कि छात्र के पिता हृदय रोग से ग्रसित हैं. उन्होंने बिना पोस्टमार्टम के ही शव की मांग की थी. साथ ही यह भी कहा था कि कोई कार्रवाई इस मामले में नहीं चाहते हैं. इसके बाद जवाहर नगर थाना पुलिस ने बिना पोस्टमार्टम के शव परिजनों को सौंप दिया है. परिजनों का कहना था कि बालक अपनी इच्छा से ही कोटा पढ़ने आया था. उसने अपना स्कूल में एडमिशन गांव में ही करवाया था, इसके बाद मेडिकल एंट्रेंस की तैयारी करने के लिए कोटा आ गया था. अचानक इतनी कम समय में यह घटनाक्रम कैसे हुआ समझ नहीं आ रहा है.