नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को केरल के सबरीमाला श्री अयप्पा मंदिर जाएंगी. इस प्रकार वह इस पवित्र मंदिर में पूजा-अर्चना करने वाली भारत की पहली राष्ट्रपति बन जाएंगी. यह ऐतिहासिक यात्रा देश के सबसे प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक मंदिर के लिए मील का पत्थर होगा.
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के अनुसार मंदिर का प्रबंधन करने वाली संस्था त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) ने राष्ट्रपति के दौरे की पुष्टि करते हुए इसे एक महत्वपूर्ण अवसर बताया. राष्ट्रपति मुर्मू की यह यात्रा केरल के दो दिवसीय दौरे का हिस्सा है.
19 मई की सुबह उनके निलक्कल हेलीपैड पहुंचने और पंपा बेस कैंप जाने की उम्मीद है. वहां से वह या तो पारंपरिक श्रद्धालुओं की तरह मंदिर तक 4.25 किमी की चढ़ाई चढ़ सकती हैं या आपातकालीन सड़क के माध्यम से वाहन से जा सकती हैं.
यात्रा व्यवस्था विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) द्वारा निर्धारित की जाएगी जो उनकी सुरक्षा की देखरेख करता है. मंदिर मलयालम माह इदावम से जुड़े मासिक अनुष्ठानों के लिए 14 मई को खुला था, उनकी यात्रा के समय के आसपास इन अनुष्ठानों का समापन हो जाएगा.
सुरक्षा बढ़ाए जाने की आशंका के मद्देनजर अधिकारियों ने 18 और 19 मई को मंदिर में आम लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई. श्रद्धालुओं की पहुंच अस्थायी रूप से रोक दी गई. इस बीच वर्चुअल क्यू टिकट प्रणाली को निलंबित कर दिया गया.
केरल के पथानामथिट्टा जिले के पश्चिमी घाट में स्थित सबरीमाला भारत के सबसे पवित्र और अक्सर जाने वाले तीर्थ स्थलों में से एक है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं. 3,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित सबरीमाला में पारंपरिक रूप से तीर्थयात्रियों को 41 दिनों की तपस्या करनी पड़ती है, जिसके बाद उन्हें पंपा नदी के तट से नंगे पैर चढ़ाई करनी पड़ती है.