बाजार से 33 हजार रुपये किलो की दर से बीज खरीदकर फसल उगाई थी। एक महीने पहले तक दाम अच्छे थे, लेकिन जब फसल तैयार हुई, तो दाम एक से दो रुपये किलो तक पहुंच गए। हजारों किसानों की आर्थिक स्थिति बदतर हो गई है।
हापुड़ जिले में बंद और फूल गोभी के दामों में एक महीने के अंदर ही 95 फीसदी तक गिरावट आई है इन दिनों मंडी में गोभी एक से दो रुपये किलो तक ही बिक रही है। कई किसानों ने फसल जोत भी दी है, जबकि किसानों ने 33 हजार रुपये किलो की दर से बीज खरीदकर रोपाई की थी। बाहर मंडी जाने वाले किसानों को किराया भी जेब से ही लगाना पड़ रहा है।
जिले में बड़े पैमाने पर पत्ता गोभी की खेती की जाती है। अमूमन किसान इसकी बुवाई जुलाई महीने से लेकर अक्तूबर तक करते हैं। दिसंबर के अंत तक मंडी में गोभी के दाम एक हजार से 1500 रुपये/कट्टा तक रहे। किसानों को फसल से अच्छी उम्मीद थी, लेकिन जनवरी की शुरूआत से ही फसल के दाम लगातार गिरते गए।
इन दिनों मंडी में पत्ता गोभी का कट्टा 100 से 150 रुपये तक ही बिक रहा है। किलो के हिसाब से देखें तो प्रति किलो गोभी एक से दो रुपये में ही बिक रही है। श्यामपुर ददायरा में किसानों ने फसल की जुताई भी शुरू कर दी है। किसान भगतराम ने बताया कि गोभी के दाम गिरने से मजदूरी भी जेब से ही भरनी पड़ रही है। गांव के कई किसान फसल जोत चुके हैं।इन गांवों में होती है गोभी की बड़े पैमाने पर खेतीहापुड़ के गांव महमूदपुर, सांवई, हिमांयुपुर, ह्दयपुर, मीरपुर, घुंघराला, ततारपुर, लालपुर, सीतादेही, उबारपुर, गोंदी, सलाई, श्यामपुर, ददायरा आदि गांवों में बड़े पैमाने पर बंद गोभी की खेती होती है। अस्थाई मंडी में रोज पहुंच रही 10 ट्रक से ज्यादा गोभीबुलंदशहर रोड स्थित पड़ाव में बंद गोभी की खरीद फरोख्त के लिए बनी अस्थाई मंडी में इन दिनों हर रोज दस ट्रक से ज्यादा गोभी पहुंच रही है। दिल्ली में दाम कुछ ठीक हैं, लेकिन किराया अधिक होने के चलते औसत नहीं आ पाता। ददायरा के किसानों ने बताया कि दिल्ली में फसल बिक्री की थी, किराया भी जेब से लगाना पड़ा है।बेहद महंगा हैं बंद गोभी का बीजबंद गोभी का बीज बेहद ही महंगा है। बाजार में चुनिंदा दुकानों पर ही इसका बीज मिलता है, जिसके दाम 28 हजार से 33 हजार रुपये/किलोग्राम तक हैं। ऐसे में कभी बरसात तो कभी दाम गिरने से गोभी उत्पादक किसानों की कमर टूट रही है।फसल ने कर दिया नुकसानबाजार से 33 हजार रुपये किलो की दर से बीज खरीदकर फसल उगाई थी। एक महीने पहले तक दाम अच्छे थे, लेकिन जब फसल तैयार हुई, तो दाम एक से दो रुपये किलो तक पहुंच गए। हजारों किसानों की आर्थिक स्थिति बदतर हो गई है। – टेनपाल सिंह, किसान महमूदपुर।गन्ना छोड़कर बोई बंद गंभी, हुआ नुकसानचीनी मिलों द्वारा गन्ने का भुगतान नहीं किए जाने से गन्ने की बुवाई कम कर सब्जी की खेती अपनायी थी। लेकिन बंदगोभी और फूलगोभी के दाम एक से दो रुपये किलो पहुंच गए हैं। फसल से बीज की कीमत भी निकल पा रही। मजदूरी और अपनी मेहनत भी बेकार ही जा रही है। दाम नहीं बढ़े तो फसल जोतनी पड़ेगी। – भगतराम सिंह, किसान, ददायरा।बंदगोभी के दाम पिछले महीने तक अच्छे बने थे, किसानों ने फसल बिक्री कर लाभ भी कमाया। अब फसल पीक पर है, आवक अधिक होने से दाम प्रभावित हो सकते हैं। – डॉ.हरित, डीएचओ।