भागलपुर : आगामी 8 मार्च को शहर के रंगभूमि मैदान में आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक गुरु श्री श्री रविशंकर जी के सानिध्य में होने वाले महासत्संग की रूप रेखा तैयार कर ली गई है.
भागलपुर : कभी अपराध के लिए बदनाम जिले का चर्चित सरसी में इन दिनों ध्यान की गंगा बह रही है. सुबह उठकर ध्यान, प्राणायाम और सुदर्शन क्रिया करना अब यहां के लोगों की दिनचर्या बन गयी है. अब यहां के बच्चे ध्यान और अध्यात्म की ओर रूख करने लगे हैं. दरअसल, सरसी में अवस्थित प्रख्यात हनुमान मंदिर आर्ट ऑफ लिविंग संस्था को दान कर दिया गया है. अब यहां प्रतिदिन ध्यान, योग और अध्यात्म की गंगा लगातार बहती रहती है. आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर नौ मार्च को सरसी के इसी हनुमान मंदिर में आ रहे हैं. इनके आगमन को लेकर यहां तैयारी जोरों पर है. अनुमंडल क्षेत्र के सरसी अवस्थित प्रख्यात हनुमान मंदिर आस्था का महाकेंद्र है. यहां देश विदेश से आये श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है. कहते हैं कि बाबा के दरबार में जो भी भक्त सच्चे मन से जो मन्नतें मांगते हैं, उनकी मुरादें अवश्य ही पूरी होती है.
पहले इस जगह पर थी अंग्रेज की कोठी
अंग्रेज के शासन काल में इस जगह पर अंग्रेज की कोठी हुआ करती थी. अंग्रेज के बाद इस जमीन का मालिक पहसारा एरिया निवासी लालमोहन सिंह थे. 70 के दशक में वर्तमान में प्रयागराज (पूर्व में इलाहाबाद) निवासी स्व शिव मूर्ति तिवारी सरसी आये और अंततः सरसी का ही निवासी बन कर रह गये. जमीन मालिक लालमोहन सिंह से स्व. शिव मूर्ति तिवारी ने कोठी सहित सैकड़ों एकड़ जमीन खरीद ली थी.
सरसी हनुमान मंदिर की रोचक कथा
मारवाड़ी सामाज की बेटी सरसी निवासी मोहनी देवी नाहटा का विवाह सुजानमल नाहटा, राजस्थान प्रांत के चिरु जिले के राजगढ़ निवासी से हुआ था. मोहनी देवी नाहटा के पति सुजानमल नाहटा अपने पिता नेतलमल की तरह तेरापंथ धर्मसंघ के समर्पित निष्ठावान श्रावक थे. साल 1982 में साधना, उपासना आदि धार्मिक अनुष्ठानों के प्रति जागरूक रहने वाली मोहिनी देवी नाहटा पर दैविक कृपा दृष्टि हुई और अपने सरसी नैहर आयी और वीरान पड़ी भूमि का टीला 200 फीट 300 फीट ऊंचाई की मिट्टी का टीला पर हनुमान मंदिर बनाने का आग्रह किया. शिव मूर्ति तिवारी इस आग्रह को ठुकरा ना सके और हनुमान मंदिर के नाम पर श्रद्धा पूर्वक 72 डिसमिल मंदिर के नाम, 92 डिसमिल पोखर के लिए,11 डिसमिल जमीन हनुमान मंदिर परिषद् स्कूल के लिए सहर्ष दान दे दिया. 12 नम्बर 1987 को मंदिर में दिव्य मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा की गयी. मोहिनी देवी नाहटा के पति सुजानमल नाहटा ने अपनी पुस्तक में भी इस बात का उल्लेख किया है.
2022 में आर्ट ऑफ लिविंग संस्था को दिया था दान
कमेटी के सदस्य अखिलेश सिंह ने बताया कि मोहिनी देवी नाहटा ने बहुत दिनों तक मंदिर की विधि व्यवस्था को सुचारू ढंग से चलाया. जब मोहिनी देवी नाहटा की उम्र 90-95 वर्ष की हो गई तो सन 2022 में आर्ट ऑफ लिविंग संस्था के संस्थापक श्री श्री रविशंकर जी महाराज को दान कर दिया. कमेटी सदस्य अखिलेश सिंह ने बताया कि श्रीहनुमान मंदिर परिसर में काल भैरव की मंदिर, माता दुर्गा मंदिर ,शिवजी की मंदिर, माता अंजनी की मंदिर सहित,छोटे बड़े कुल 11 मंदिर स्थापित है. मंदिर परिसर में 11 देवी देवताओं की मंदिर के अलावे धर्मशाला, हवन कुंड तथा श्री हनुमान परिसर स्कूल कक्षा 8 तक की पढ़ाई होती है.
यूथ लीडरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम
आर्ट ऑफ लिविंग संस्था के द्वारा सरसी मंदिर में पदस्थापित साध्वी मुक्ति ने कहा कि गुरुदेव का यहां आने का विशेष उद्देश्य है बिहार वासियों से मिलना. बिहार की उन्नति कैसे हो, ये जरूरी है. हमारे बहुत से सारे बच्चे बेरोजगार है जिसका नाम है यूथ लीडरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम करके जो बच्चा हमको लगता है 7 दिन का रेडेंशिटल ट्रेनिंग होता है फिर लगता है कि बच्चा अपने जीवन में आगे बढ़ना चाहते हैं तो उनके हिसाब से रोजगार भी मिल सकता है. कंपनी के लोग हमारे गुरुदेव के पास आते रहते हैं.
गुरुदेव के आगमन से पूर्व निकाली जायेगी रैली
आगामी 8 मार्च को शहर के रंगभूमि मैदान में आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक गुरु श्री श्री रविशंकर जी के सानिध्य में होने वाले महासत्संग की रूप रेखा तैयार कर ली गई है. महासत्संग से पहले संस्था से जुड़े लोग और आयोजन समिति के सदस्य 6 मार्च की सुबह लोगों को आमंत्रित करने के लिए रैली निकालेंगे. संस्था के लोगों ने रैली का रूट चार्ट भी तैयार कर लिया है और जिला प्रशासन से रैली निकालने की अनुमाति प्राप्त करने के लिए ज्ञापन भी सौंप दिया है. कार्यक्रम की जानकारी देते हुए भाजपा नेता सह आर्ट ऑफ लिविंग के सदस्य व आयोजन समिति के को- आर्डिनेटर डॉ अनिल कुमार गुप्ता ने बताया गुरुदेव 8 मार्च को यहां आ रहे हैं. उनके आगमन से दो दिन पहले शहर समेत जिलेवासियों को महासत्संग में आमंत्रित करने के लिए रैली निकाली जाएगी. इस रैली के माध्यम से जहां लोगों तक गुरुदेव का संदेश पहुंचाया जाएगा वहीं जिन लोगों के अबतक आमंत्रण पत्र नहीं मिला है, उन्हें भी आमंत्रित किया जाएगा.
इस रूट से गुजरेगी आर्ट ऑफ लिविंग की रैली
डॉ अनिल कुमार गुप्ता ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि 6 मार्च की सुबह 9 बजे रैली रंगभूमि मैदान से प्रारंभ होगी. यह गिरजा चौक, टैक्सी स्टेंड, जिला स्कूल रोड, खीरू चौक, रजनी चौक, लखन चौक, आरएन साह चौक, भट्ठा, थाना चौक होते हुए रंगभूमि मैदान में समाप्त होगी. उन्होंने बताया कि रैली में करीब 500 लोग हिस्सा लेंगे जो पैदल, बाइक और कार पर शहर का भ्रमण करेंगे.
लोगों को घर-घर पहुंचाया जा रहा आमंत्रण पत्र
डॉ अनिल कुमार गुप्ता ने बताया गुरुदेव श्रीश्री रविशंकर के आगमन और महासत्संग को लेकर संस्था के स्वयंसेवक शहर से लेकर गांव-गांव तक घर-घर जा रहे हैं और लोगों को आमंत्रित कर रहे हैं उन्होंने बताया कि इसके अलावा संस्था के लोग सार्वजनिक स्थलों पर भी लोगों को आमंत्रण पत्र दे रहे हैं. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जिन लोगों के पास अबतक आमंत्रण पत्र नहीं पहुंचा है वे भी इस कार्यक्रम में जरूर आएं और गान, ज्ञान और ध्यान की संध्या में हिस्सा लें.