पलामू: पढ़ाई के लिए गुहार लगाने वाली बच्ची को पलामू एसपी रीष्मा रमेशन के तरफ से किताबें और स्कूल ड्रेस दी गयी है. पलामू एसपी रीष्मा रमेशन बच्ची की पढ़ाई में मदद कर रही हैं.
कुछ दिनों पहले पलामू एसपी रीष्मा रमेशन को एक अंजान नंबर से कॉल आया था और पढ़ाई के लिए गुहार लगाई गई थी. बच्ची के परिजन शादी करने वाले थे लेकिन वह पढ़ाई करके जज बनना चाहती थी. कॉल करने वाली बच्ची पलामू के अति नक्सल प्रभावी इलाके मनातू थाना क्षेत्र के रंगेया की रहने वाली है. कॉल के बाद पलामू एसपी के निर्देश पर महिला थाना प्रभारी बच्ची के घर में गई और परिजनों के साथ बातचीत की. पुलिस के समझाने के बाद परिजन बच्ची को पढ़ाने के लिए राजी हो गए.
पलामू एसपी की पहल पर मनातू के थाना प्रभारी निर्मल उरांव के नेतृत्व में पुलिस की टीम गुरुवार को बच्ची के घर गई. पलामू एसपी की तरफ से बच्ची को किताब और स्कूल ड्रेस दिया गया. बच्ची के पिता शिक्षक हैं और आर्थिक कारणों से आगे की पढ़ाई नहीं करवा पा रहे थे.
बच्ची ने पढ़ाई की इच्छा जाहिर की थी जिसके बाद उसकी मदद की जा रहा है. परिजनों से भी बातचीत की गई है. उन्होंने बताया कि बच्ची बहादुर है और उसने कॉल पर मदद की गुहार लगाई थी- रीष्मा रमेशन, एसपी, पलामू
नक्सल प्रभावती इलाके की है बच्ची
बच्ची मनातू थाना क्षेत्र के रंगेया की रहने वाली है. यह इलाका पलामू पर प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर से करीब 85 किलोमीटर दूर है. जिस इलाके में बच्ची पढ़ाई करती है वह इलाका पूरे झारखंड में पोस्ता की खेती के लिए चर्चित रहा है.
बच्ची मनातू के चक हाई स्कूल में 11वीं क्लास की छात्रा है. बच्ची आर्ट्स के विषय में 11वीं की पढ़ाई कर रही है .चक हाई स्कूल को माओवादी 2006-07 और 2008-09 में विस्फोट कर उड़ा चुके हैं.