रिजर्व बैंक ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है.
नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ने एक बैंक पर बड़ी कार्रवाई की है और बैंक का लाइसेंस रद्द करने का ऐलान किया है. आरबीआई का कहना है कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं. यह बैंक अहमदाबाद स्थित कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक है. आरबीआई ने कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है.
आरबीआई ने कहा कि बैंक का जारी रहना भविष्य में जमाकर्ताओं के लिए नुकसानदेह होगा. अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति के साथ बैंक अपने मौजूदा जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने में असमर्थ होगा. ऐसे में बैंक ग्राहकों को चिंता है कि अब उनके जमा पैसों का क्या होगा.
ग्राहकों के पैसे का क्या होगा?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बयान में कहा कि सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, गुजरात को बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का भी अनुरोध किया गया है. अब नियम के अनुसार प्रत्येक जमाकर्ता केवल जमा बीमा और लोन गारंटी निगम (DICGC) से अपनी जमा राशि की 5 लाख रुपये तक की जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने का हकदार होगा.
RBI ने आगे कहा कि सहकारी बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार लगभग 98.51 फीसदी जमाकर्ता DICGC से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं. 31 मार्च 2024 तक, DICGC ने बैंक के संबंधित जमाकर्ताओं से प्राप्त इच्छाओं के आधार पर कुल बीमित जमा में से 13.94 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही कर दिया है.
आरबीआई ने क्या कहा?
लाइसेंस रद्द करने के पीछे कारण बताते हुए आरबीआई ने कहा कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं. सहकारी बैंक बैंकिंग विनियमन अधिनियम के तहत कुछ आवश्यकताओं का पालन करने में भी विफल रहा है. आरबीआई ने यह भी कहा कि अगर बैंक को आगे भी बैंकिंग व्यवसाय जारी रखने की अनुमति दी जाती है, तो इससे जनहित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.
लाइसेंस रद्द होने के बाद सहकारी बैंक बुधवार (16 अप्रैल, 2025) को कारोबार बंद होने से बैंकिंग व्यवसाय बंद कर देगा. बैंकिंग व्यवसाय में अन्य चीजों के अलावा जमा स्वीकार करना और जमा का पुनर्भुगतान करना शामिल है.