Thursday, January 23, 2025

आपकी बेटी को भी मिल सकते हैं 7,500 रुपये, जानिए कैसे करें आवेदन

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 कन्या सुमंगला योजना यूपी सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जो बेटियों के बेहतर भविष्य की दिशा में उठाया गया कदम है. अगर आपकी बेटी भी इस योजना के तहत योग्य है, तो जल्द ही आवेदन करें और 7,500 रुपये तक का लाभ पाएं.

सरकार बेटियों के उज्जवल भविष्य और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है. इन्हीं में से एक कन्या सुमंगला योजना (Kanya Sumangala Yojana) है, जो उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही है. इस योजना का उद्देश्य बेटियों को शिक्षा, स्वास्थ्य और विवाह के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है. रामपुर जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी मोहम्मद जीशान मलिक के अनुसार, यह योजना पूरे राज्य में लागू है और बेटियों को 7,500 रुपये तक का लाभ मिल सकता है.

कन्या सुमंगला योजना से विभिन्न चरणों में मिलता है पैसा

  • जन्म के समय: अगर कन्या का जन्म 1 अप्रैल 2019 या उसके बाद हुआ हो, तो उसके माता-पिता को 5,000 रुपये की एकमुश्त राशि दी जाती है. यह रकम बच्ची की शुरुआती जरूरतों को पूरा करने के लिए दी जाती है.
  • टीकाकरण: अगर बच्ची का पहले साल में टीकाकरण पूरा हो जाता है, तो अतिरिक्त 2,000 रुपये दिए जाते हैं.
  • शैक्षणिक सहायता: पहली कक्षा में प्रवेश के दौरान 3,000 रुपये और छठी और नौवीं कक्षा में प्रवेश के दौरान 3,000 रुपये प्रत्येक कक्षा के लिए दिए जाते हैं.
  • हायर एजुकेशन: हाई स्कूल और इंटरमीडिएट पास करने के बाद डिग्री या डिप्लोमा कोर्स में एडमिशन लेने पर सरकार बेटियों को आर्थिक सहायता देती है.

आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज

कन्या सुमंगला योजना का लाभ लेने के लिए निम्न दस्तावेजों की आवश्यकता होगी.

  • बच्ची की फोटो
  • जन्म प्रमाण पत्र
  • निवास प्रमाण पत्र
  • कक्षा नौ का प्रवेश प्रमाण पत्र
  • शैक्षणिक संस्थान द्वारा जारी प्रमाण पत्र
  • अंक पत्र और एडमिशन चार्ज की रसीद

कैसे करें आवेदन?

कन्या सुमंगला योजना का लाभ पाने के लिए आप उत्तर प्रदेश सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.

  • योजना की वेबसाइट पर जाएं.
  • रजिस्ट्रेशन पेज खोलें और मांगी गई जानकारी भरें.
  • सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें.
  • आवेदन की पुष्टि करें और सबमिट बटन पर क्लिक करें.

कन्या सुमंगला योजना का उद्देश्य

  • बेटियों को शिक्षा के प्रति जागरूक करना.
  • उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना.
  • उनकी स्वास्थ्य और सुरक्षा सुनिश्चित करना.

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