भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी खड़गपुर) में फिर एक छात्र की मौत हो गयी है. मृत छात्र का नाम मोहम्मद आसिफ कमर (22) है. सिविल इंजीनियरिंग विभाग में तृतीय वर्ष का छात्र खड़गपुर आईआईटी परिसर के मदनमोहन मालवीय हॉल के एसडीएस ब्लॉक छात्रावास के कमरे में रहता था. वह बिहार के शिवहर जिले का निवासी था.
खड़गपुर शहर के पुरीगेट इलाके से सटे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी खड़गपुर) में फिर एक छात्र की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गयी है. उसका शव छात्रावास के कमरे में फंदे से लटकता मिला है. मृत छात्र का नाम मोहम्मद आसिफ कमर (22) है. वह सिविल इंजीनियरिंग विभाग में तृतीय वर्ष का छात्र था. वह खड़गपुर आईआईटी परिसर में स्थित मदनमोहन मालवीय हॉल के एसडीएस ब्लॉक छात्रावास के कमरे में रहता था. वह बिहार राज्य के शिवहर जिले का निवासी था. इससे पहले भी इस वर्ष 2 छात्रों की अस्वाभाविक परिस्थितियों में मौत हो चुकी है.
शनिवार रात से ही अंदर से बंद था आसिफ का कमरा
शनिवार रात से ही छात्रावास में उसका कमरा अंदर से बंद था. उसके सहपाठियों ने उसे बार-बार बुलाया, लेकिन उसके कमरे का दरवाजा नहीं खुला. वह फोन भी नहीं रिसीव कर रहा था. इसके बाद विद्यार्थियों ने छात्रावास और आईआईटी प्रशासन को इस बारे में जानकारी दी. आईआईटी प्रशासन ने पुलिस से संपर्क किया. पुलिस छात्रावास में पहुंची और कमरा तोड़कर मोहम्मद आसिफ कमर को बाहर निकाला. उसे बीसी रॉय अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
पुलिस का दावा – जांच में मिले हैं कुछ सुराग
आसिफ की मौत की पुष्टि होने के बाद में पुलिस ने उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए खड़गपुर महकमा अस्पताल भेज दिया. उसके परिजनों को भी घटना की सूचना दे दी गयी है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि पुलिस को कुछ सुराग मिले हैं और उसी आधार पर जांच की जा रही है.
जांच का फोकस मानसिक स्वास्थ्य पर
20 अप्रैल को महासागर इंजीनियरिंग और नौसेना वास्तुकला विभाग के चौथे वर्ष के छात्र अनिकेत वालेकर का शव उसके छात्रावास के कमरे में फंदे से लटकता मिला था. वहीं 12 जनवरी को स्नातक तृतीय वर्ष के छात्र शॉन मलिक का शव उसके छात्रावास के कमरे में पाया गया था. पिछले वर्ष जून में जैव प्रौद्योगिकी और जैव रासायनिक इंजीनियरिंग की चतुर्थ वर्ष की छात्रा देविका पिल्लई ने आत्महत्या कर ली थी.
आईआईटी खड़गपुर में 24 घंटे मौजूद हैं काउंसलर
आईआईटी खड़गपुर के अधिकारियों का कहना है कि संस्थान में छात्रों को किसी भी तनाव और अवसाद से लड़ने में मदद के लिए 24 घंटे काउंसलर मौजूद हैं. 20 अप्रैल की घटना के बाद संस्थान ने हर छात्र के दरवाजे पर बारकोड लगा दिया है, जिसे कोई भी छात्र तीव्र मानसिक तनाव के समय स्कैन करके तुरंत परामर्श ले सकता है. कार्यवाहक निदेशक अमित पात्रा का कहना है कि ऐसी त्रासदियों के पीछे की परिस्थितियों और कारणों का पता लगाने के लिए एक समिति भी गठित की जा रही है, जो 3 दिन में अपनी सिफारिशें देगी. उन्होंने कहा, ‘हमारे छात्रों की भलाई, खुशी और शैक्षणिक सफलता ही हमारे लिए मायने रखती है. वे सब हमारे भी बच्चे हैं.’