Saturday, May 17, 2025

आंगनबाड़ी की सूरत बदल रहे स्मार्ट फोन, लोगों को मिल रहे ये फायदे

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झारखंड सरकार ने आईसीडीएस के तहत 37810 आंगनबाड़ी सेविकाओं को स्मार्ट फोन दिए हैं जिससे 97% लाभुकों का आधार सत्यापन हुआ है। पहले मार्च 2023 तक केवल 48% सत्यापन हुआ था। स्मार्ट फोन से सेवाओं की ऑनलाइन निगरानी और गुणवत्ता में सुधार हुआ है। अब सेविकाएं आसानी से तस्वीरें भेज पा रही हैं।

रांची। राज्य सरकार ने आईसीडीएस के तहत कार्यरत 37,810 आंगनबाड़ी सेविकाओं को स्मार्ट फोन उपलब्ध कराई है।

इससे न केवल आंगनबाड़ी केंद्रों के लाभुकों का आधार सत्यापन बढ़ा है, बल्कि इससे विभिन्न सेवाओं की ऑनलाइन निगरानी हो रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इन सेविकाओं के बीच स्मार्ट फोन का वितरण किया था।

महिला एवं बाल विकास तथा सामाजिक सुरक्षा विभाग के अनुसार, आंगनबाड़ी केंद्रों में आईसीडीएस सेवाओं का लाभ लेने के लिए आधार सत्यापन तथा लाभुकों का चेहरा प्रमाणीकरण अनिवार्य किया गया है

इसके तहत मार्च 2023 तक राज्य में 17,44,100 लाभुकों अर्थात 48 प्रतिशत का ही आधार सत्यापन हो सका था। 31 मार्च 2025 तक 30,11,829 लाभुकों का आधार सत्यापन हो चुका।

इस तरह, 97.22 प्रतिशत लाभुकों का आधार सत्यापन का कार्य पूरा हो चुका है, जो सेविकाओं को स्मार्ट फोन मिलने से ही संभव हो सका है।

समाज कल्याण निदेशक किरण पासी कहती है कि स्मार्ट फोन उपलब्ध कराने के बाद सेवाओं की ऑनलाइन निगरानी संभव हो पा रही है। सेवाओं की गुणवत्ता भी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में आवश्यक बर्तन उपलब्ध कराए गए हैं।

कांके परियोजना के तहत सुकुरहुटू आंगनबाड़ी केंद्र में कार्यरत सेविका सरिता कुमारी कहती हैं कि स्मार्ट फोन मिलने से वह लाभुकों का तस्वीर खींचकर भेज पा रही है। पहले यह काम किसी दूसरे के स्मार्ट फोन से करना पड़ता था।

16,775 केंद्रों में एलईडी टीवी, वाटर प्यूरीफायर, बिजली, पंखें आदि सुविधाएं बहाल की गई हैं। साथ ही 1200 से अधिक आदिवासी बहुल गांवों की पहचान की गई है, जहां आंगनबाड़ी केंद्र खोले जाएंगे। इन केंद्रों के लिए सेविका और सहायिका की भी बहाली की जाएगी।

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