केंद्र सरकार ने झारखंड सरकार के अनुराग गुप्ता को डीजीपी बनाए रखने के फैसले को फिर से गलत बताया है। केंद्र का कहना है कि गुप्ता जो 30 अप्रैल 2025 को सेवानिवृत्त हो चुके हैं को जिस नियम के तहत डीजीपी बनाया गया है वह अवैध है। केंद्र ने राज्य सरकार के जवाब को खारिज करते हुए इसे सेवा अधिनियम और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन बताया है।
रांची। अनुराग गुप्ता को डीजीपी बनाए रखने के राज्य सरकार के निर्णय को केंद्र सरकार ने एक बार फिर गलत बताया है।
राज्य सरकार के जवाब पर केंद्र ने एक बार फिर दोहराया है कि अनुराग गुप्ता को डीजीपी बनाए रखना गलत है। अनुराग गुप्ता 30 अप्रैल 2025 को सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
उन्हें राज्य सरकार ने जिस नियमावली के आधार पर डीजीपी बनाया है, उस नियमावली को भी गलत बताया जा रहा है।
इस प्रकार वे सेवानिवृत्त होने के बावजूद अपने पद पर बने हैं, जो अवैध है और सरकार सेवा अधिनियम के विपरीत है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना है।
ये है मामला
गौरतलब है कि पूर्व में भी केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर यह निर्देश दिया था कि अनुराग गुप्ता को उनके निर्धारित सेवानिवृत्ति तिथि 30 अप्रैल 2025 को सेवानिवृत्त करें।
उन्हें जिस नियमावली के आधार पर डीजीपी के पद पर दो साल के लिए पदस्थापित किया गया है, वह नियमावली अवैध है।
हालांकि, राज्य सरकार ने केंद्र के इस निर्देश का जवाब दिया था कि राज्य सरकार की नियमावली विधि सम्मत है और इसके आधार पर ही अनुराग गुप्ता को डीजीपी बनाया गया है। राज्य सरकार के इसी जवाब पर केंद्र ने फिर पत्र भेजा है।