आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने आज रेपो रेट में कटौती की घोषणा की, जिसका असर आपके लोन के ईएमआई पर पड़ेगा.
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को रेपो दर में 25 आधार अंकों की एक और कटौती की घोषणा की, जो समान मासिक किस्तों (EMI) का भुगतान करने वालों के लिए खुशखबरी है. इस फैसले का मतलब है कि मौजूदा ग्राहकों को अपनी EMI में कमी देखने को मिलेगी, और नए उधारकर्ताओं को जल्द ही होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन अधिक किफायती लगेंगे.
इस हालिया कटौती के साथ रेपो रेट वह ब्याज दर जिस पर RBI बैंकों को उधार देता है. अब 6.25 फीसदी से घटकर 6 फीसदी शत हो गई है. मई में कोविड-19 महामारी शुरू होने के बाद से RBI के ब्याज दर में यह दूसरी कटौती है. मई 2020 से अप्रैल 2022 के बीच आरबीआई ने रेपो दर को 4 फीसदी पर स्थिर रखा. अप्रैल 2022 से फरवरी 2023 तक आरबीआई ने धीरे-धीरे नीतिगत दरों को बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दिया, हाल ही में कटौती होने तक दो साल तक इस दर को बनाए रखा.
RBI की रेपो रेट में कटौती का प्रभाव
उदाहरण के लिए बैंक से 30 सालों के लिए 8.70 फीसदी ब्याज दर पर 50 लाख रुपये का होम लोन लिया हो.
वर्तमान EMI- 39,157 रुपये
अगर ब्याज दर 25 आधार अंकों से घटकर 8.45 फीसदी हो जाती है, तो EMI 38,269 रुपये हो जाएगी, जिसके परिणामस्वरूप प्रति माह 888 रुपये की बचत होती है. इसका मतलब है कि केवल 0.25 फीसदी की दर कटौती के साथ प्रति वर्ष 10,500 रुपये से अधिक की बचत होगी. यह एक बड़ा अंतर ला सकती है, खासकर 20 या 30 साल की लोन अवधि का लोन लेते है.
बैंक कैसे करेगा कटौती?
लोन ब्याज दरों में दो घटक होते हैं- मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) और स्प्रेड. जबकि RBI द्वारा रेपो दर में कटौती के बाद MCLR में कमी आने की संभावना है. बैंकों के बीच स्प्रेड अलग-अलग होता है और यह इस बात पर निर्भर करता है कि ब्याज दर में कटौती का कितना हिस्सा ग्राहकों को दिया जाता है.