Saturday, February 1, 2025

Pragati Yatra: भागलपुर को विकास की नई सौगात, 1200 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास करेंगे सीएम नीतीश कुमार

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Pragati Yatra Bhagalpur: सीएम नीतीश कुमार आज भागलपुर को विकास की नई सौगात देंगे। यहां वे 1200 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास करेंगे। वहीं, भागलपुर वासियों की सरकार से क्या बड़ी अपेक्षाएं हैं जानिए इस खबर में…।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी प्रगति यात्रा के तहत एक फरवरी को भागलपुर पहुंचे हैं। इस दौरान वे करीब 1200 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। उनके आगमन को लेकर प्रशासनिक तैयारियां युद्धस्तर पर जारी हैं।

मुख्यमंत्री अपने दौरे के दौरान गोराडीह में अंतरराज्यीय बस अड्डे और मोहनपुर में औद्योगिक पार्क का तोहफा देंगे। इसके अलावा, वे शीतला स्थान के निकट निर्माणाधीन भोलानाथ फ्लाईओवर से डिक्सन रोड और इशाकचक के शिवपुरी मोहल्ले को जोड़ने की योजना पर विभागीय अधिकारियों से चर्चा करेंगे। संभावना है कि वे बांका और आरओबी तक एक और फ्लाईओवर के निर्माण की घोषणा भी कर सकते हैं।

भागलपुर के लोगों की बड़ी अपेक्षाएं
नीतीश कुमार की यात्रा को लेकर भागलपुर के लोगों की अपेक्षाएं भी बढ़ गई हैं। यहां के नागरिकों की लंबे समय से मांग है कि मुख्यमंत्री हवाई सेवा शुरू करने, अंगिका भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने, कहलगांव में विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय के निर्माण में तेजी लाने और बटेश्वर स्थान को शिव सर्किट से जोड़ने की घोषणा करें।

भागलपुर से हवाई सेवा शुरू करने की मांग फिर तेज
भागलपुर सिल्क नगरी होने के बावजूद अब तक हवाई सेवा शुरू नहीं हो पाई है। 1969-71 में कलिंगा एयरवेज की 36-सीटर सेवा यहां से संचालित होती थी, लेकिन उसके बाद से भागलपुर को हवाई संपर्क से वंचित रखा गया।

ईस्टर्न बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स की बैठक में महासचिव पुनीत चौधरी ने कहा कि हवाई सेवा न होने से भागलपुर का सिल्क उद्योग चौपट हो गया है। 2022 में हवाई सेवा संघर्ष समिति के बैनर तले शहर के नागरिकों ने 33 दिनों तक आंदोलन किया था। इसके बाद केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने सांसदों के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल को सकारात्मक आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई।

भागलपुर के डीएम नवल किशोर चौधरी ने सुल्तानगंज और गोराडीह में हवाई अड्डे के लिए भूमि चिन्हित कर प्रस्ताव मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग को भेजा है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) द्वारा जांच रिपोर्ट आने के बाद ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी।

अंगिका भाषा को मिले संवैधानिक मान्यता
भागलपुर और इसके आसपास के क्षेत्र अंग प्रदेश का हिस्सा हैं और अंगिका भाषा यहां की संस्कृति की आत्मा मानी जाती है। लेकिन NCERT की प्रवेशिका में इसे मैथिली भाषा के रूप में दर्शाया गया है, जिससे स्थानीय लोगों में रोष है।

कृष्ण कलायन केंद्र की निदेशक श्वेता सुमन ने कहा कि अंगिका भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाना चाहिए। साहित्यकार राहुल सांकृत्यायन ने भी इसे एक स्वतंत्र भाषा के रूप में मान्यता दी थी। इस भाषा की प्राचीन पांडुलिपियां पटना संग्रहालय में संरक्षित हैं।

विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय के शीघ्र निर्माण की मांग
कहलगांव स्थित अतीचक के पास प्रस्तावित विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए 208 एकड़ भूमि चिन्हित की जा चुकी है। राज्य सरकार को इसकी रिपोर्ट भी सौंपी जा चुकी है और भूमि अधिग्रहण के लिए रैयतों को 88 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया है। हाल ही में भागलपुर आए डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि अगले तीन महीनों में भूमि अधिग्रहण और DPR तैयार कर ली जाएगी। अप्रैल-मई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद विश्वविद्यालय की आधारशिला रख सकते हैं।
विक्रमशिला नागरिक विकास समिति के संयोजक डॉ. एन.के. जायसवाल ने कहा कि नालंदा की तर्ज पर विक्रमशिला के गौरव को पुनः स्थापित करना आवश्यक है।
 
क्या भागलपुर को मिलेगी सौगात?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इस यात्रा को लेकर भागलपुरवासियों में उम्मीद और उत्साह दोनों हैं। अब देखना यह है कि वे हवाई सेवा, अंगिका भाषा, विक्रमशिला विश्वविद्यालय और अन्य विकास योजनाओं को लेकर कौन-सी घोषणाएं करते हैं। क्या भागलपुर को इस बार अपनी बहुप्रतीक्षित मांगों पर कोई ठोस आश्वासन मिलेगा या यह सिर्फ एक औपचारिक दौरा बनकर रह जाएगा? इसका जवाब एक फरवरी को मिलेगा।

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