माओवादी साजिश मामले में एनआईए ने तीन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है. तीनों आरोपियों पर कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. फिलहाल, एनआईए पूरे मामले की जांच कर रही है.
रांची, : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को 2023 झारखंड सीपीआई (माओवादी) साजिश मामले में तीन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की. इस मामले में आज रांची स्थित एनआईए की विशेष अदालत के सामने इस पूरक आरोपपत्र में कृष्णा हांसदा उर्फ सौरव दा उर्फ अविनाश दा, जो पहले से ही झारखंड पुलिस की चार्जशीट में नामजद था, पर अब गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धाराएं 17, 18, 18ए, 18बी, 20, 21, 38, 39 और 40 के तहत कई आरोप लगाये गये हैं.
तीनों आरोपियों पर कई धाराओं में केस
इसके साथ ही इन तीनों आरोपियों पर शस्त्र अधिनियम 1959 की धारा 25(6) के तहत भी आरोप जोड़े गये हैं. इस दौरान हांसदा को प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) की क्षेत्रीय समिति का सदस्य बताया गया है. एनआईए ने एक अन्य आरोपी अभिजीत कोरह उर्फ मतला कोरह उर्फ सुनील कोरह के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी आर\डब्ल्यू 121ए, 386, 387; आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम, 1908 की धारा 17 और यूए(पी) अधिनियम की धाराएं 13, 17, 18, 20, 38, 39, 40 के तहत आरोप लगाये हैं. कोरह संगठन का सशस्त्र कैडर बताया गया है. वहीं, तीसरा आरोपी रामदयाल महतो उर्फ नीलेश दा उर्फ बच्चन दा सीपीआई (माओवादी) की विशेष क्षेत्र समिति (SAC) का सदस्य था.
जांच में क्या आया सामने
बता दें कि नीलेश पर भी संगठित आपराधिक साजिश और आतंकी गतिविधियों से संबंधित कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं, जिनमें आईपीसी की धाराएं 120बी, 121ए, 386, 387; आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम की धारा 17; और यूए(पी) अधिनियम की धाराएं 13, 17, 18, 18ए, 20, 21, 38, 39, 40 शामिल हैं. एनआईए की जांच में सामने आया है कि तीनों आरोपी पारसनाथ पर्वत क्षेत्र, गिरिडीह (झारखंड) में जबरन वसूली, धमकी और भर्ती के माध्यम से आतंकी नेटवर्क को संचालित कर रहे थे.
एनआईए कर रही पूरे मामले की जांच
बताया गया कि इनमें से अभिजीत बिहार का रहने वाला है, जबकि कृष्णा हांसदा और रामदयाल महतो झारखंड से संबंध रखते हैं. इस पूरे मामले की शुरुआत जनवरी 2023 में कृष्णा हांसदा की गिरफ्तारी से हुई थी, जिसे झारखंड के गिरिडीह जिले के डुमरी थाना अंतर्गत लुसियो वन क्षेत्र से पकड़ा गया था. पुलिस ने उसके पास से 7.65 एमएम की एक पिस्तौल, लेवी की राशि और कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किये थे. इसके बाद एफआईआर दर्ज कर अन्य आरोपियों के नाम भी सामने आये. इसके बाद एनआईए ने केस को अपने हाथ में लिया और जून 2023 में इसे RC-01/2023/NIA/RNC के रूप में पुनः पंजीकृत किया. एजेंसी की जांच अभी भी जारी है.