लेह: क्षेत्र के सबसे बड़े नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) मामलों में से एक में एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए सेशन जज (विशेष न्यायाधीश) मनोज परिहार ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश के कुल्लू तहसील के वार्ड नंबर 2, चिंग ग्रेन निवासी चित्तर देव के पुत्र धोनी चंद को 8 किलोग्राम 190 ग्राम चरस रखने के आरोप में दोषी ठहराया.
उसे 29 अक्टूबर 2020 को वाहन संख्या HP34E-1400 से गिरफ्तार किया गया था, जिससे चरस बरामद की गई थी. पुलिस स्टेशन लेह में दर्ज NDPS एक्ट की धारा 8/20 के तहत एक एनडीपीएस मामले में हिमाचल प्रदेश के निवासी चित्तर देव को दोषी ठहराया. अदालत ने उसे 12 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई और एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया.
कार से प्रतिबंधित सामान बरामद
लेह के सहायक लोक अभियोजक नवांग नूरबू के नेतृत्व में एक मजबूत अभियोजन के बाद यह सजा सुनाई गई. मामले के विवरण के अनुसार, तत्कालीन एसएचओ इंस्पेक्टर स्टैनज़िन दोरजे के नेतृत्व में पुलिस ने विशिष्ट और विश्वसनीय इनपुट के आधार पर आरोपी को रोका, जब वह मनाली से लेह की ओर बोलेरो वाहन में यात्रा कर रहा था.वाहन की तलाशी लेने पर बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित सामान बरामद हुआ.
इसके बाद न्यायाधीश मनोज परिहार ने आरोपी को 12 साल के कठोर कारावास और 1 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई. भुगतान में चूक होने पर दोषी को छह महीने अतिरिक्त जेल में बिताने होंगे. इस फैसले को न्यायपालिका द्वारा मादक पदार्थों से संबंधित अपराधों के खिलाफ एक सख्त रुख के रूप में देखा जा रहा है और यह समाज में मादक पदार्थों के बढ़ते खतरे के खिलाफ एक कड़ा संदेश देता है.
सजा से कड़ा संदेश
लेह के प्रिंसिपल सेशन कोर्ट के सहायक लोक अभियोजक नवांग नूरबू ने अभियोजन का संचालन किया, जबकि अधिवक्ता मोहम्मद शफी लसू ने अभियुक्तों के वकील के रूप में पेश हुए. इस सजा से एक कड़ा संदेश जाता है कि ऐसे अपराधों में शामिल लोगों से सख्ती से निपटा जाएगा. यह समाज के हित में एक महत्वपूर्ण फैसला है.