Sunday, May 4, 2025

MGM हादसे के बाद स्वास्थ्य मंत्री का बड़ा एलान, मृतकों के परिवार को मिलेगा 5-5 लाख का मुआवजा

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जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में छत गिरने से तीन मरीजों की मौत हो गई। स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख और घायलों को 50 हजार रुपये मुआवजा देने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने जर्जर इमारत को 15 दिनों में गिराने और दोषियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। मरीजों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा

जमशेदपुर। एमजीएम अस्पताल में शनिवार शाम मेडिसिन विभाग की छत ढहने से तीन मरीजों की मौत हो गई और एक दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गया।

इस दुखद हादसे के बाद स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने देर रात अस्पताल पहुंचकर मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये और घायल को 50 हजार रुपये मुआवजे की घोषणा की।

स्वास्थ्य मंत्री ने जर्जर भवन को 15 दिन में तोड़ने और मरीजों को दूसरी जगह शिफ्ट करने का आदेश दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जांच के लिए कमेटी बनाई गई है, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर कार्रवाई होगी। मंत्री ने घटना की जिम्मेदारी लेते हुए डिमना के नए एमजीएम अस्पताल में पानी की व्यवस्था के लिए टाटा स्टील से बात करने की बात कही।

मंत्री ने ली हादसे की जिम्मेदारी

मंत्री ने कहा, यह हादसा बहुत दुखद है। मैं खुद को इसका जिम्मेदार मानता हूं, क्योंकि यह मेरे कार्यकाल में हुआ। अभी आलोचना का समय नहीं है, बल्कि घायलों के इलाज और परिजनों की मदद पर ध्यान देना है।

मंत्री ने बताया कि बी-ब्लॉक का भवन 40 साल से ज्यादा पुराना और जर्जर हालत में था। उन्होंने आदेश दिया कि इसे 15 दिन के अंदर पूरी तरह तोड़ दिया जाए। साथ ही, अस्पताल के मरीजों को जल्द से जल्द सुरक्षित जगह पर शिफ्ट किया जाएगा।

मरीजों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता

उन्होंने कहा कि मरीजों की सुरक्षा उनकी पहली प्राथमिकता है। हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए एक जांच कमेटी बनाई गई है।

अंसारी ने कहा कि कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि छोटे कर्मचारियों को बलि का बकरा नहीं बनाया जाएगा, बल्कि बड़े अधिकारियों की जवाबदेही तय होगी।

मंत्री ने उठाया डिमना में बने नए एमजीएम अस्पताल में पानी की कमी का मुद्दा

मंत्री ने डिमना में बने नए एमजीएम अस्पताल में पानी की कमी की समस्या को भी उठाया। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को हल करने के लिए टाटा स्टील से बात की जाएगी, ताकि डिमना झील या सतनाला डैम से पानी की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके। इससे मरीजों को जल्द नई जगह शिफ्ट करने में मदद मिलेगी।

जुगसलाई विधायक मंगल कालिंदी और पोटका विधायक संजीव सरदार भी मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने मुआवजे और जांच की मांग का समर्थन किया।

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