Tuesday, March 25, 2025

LIC एजेंट के घर पर बमबारी कांड का हो गया खुलासा, घटना का मास्टरमाइंड हिस्ट्रीशीटर आरिफ अब भी फरार

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पुलिस ने रंगदारी मांगने में प्रयुक्त कीपैड मोबाइल फोन व सिम कार्ड को जब्त किया गया है. मास्टरमाइंड मो. आरिफ गिरफ्तारी के डर से अंडरग्राउंड हो गया है. पुलिस उसकी गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी कर रही है.

मुजफ्फरपुर जिला के फकुली थाना के भगवानपुर निवासी LIC एजेंट अरुण कुमार सिंह के घर पर बमबारी करके 15 लाख की रंगदारी मांगने की घटना का जिला पुलिस ने खुलासा कर ली है. मनियारी थाना क्षेत्र के बाघी निवासी हिस्ट्रीशीटर मो. आरिफ पूरी घटना का मास्टरमाइंड है. ग्रामीण एसपी विद्या सागर के नेतृत्व में गठित विशेष टीम ने वारदात में शामिल तीन अपराधी पूर्वी चंपारण जिला के मधुबन थाना के भगवानपुर निवासी संतोष कुमार , बडहारी निवासी क्रिम कुमार और मेहसी थाना के कटहा निवासी सरोज कुमार के रूप में किया गया है.

24 घंटे के अंदर हो गया खुलासा

ग्रामीण एसपी विद्या सागर ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया कि एलआइसी एजेंट अरुण कुमार सिंह के घर पर बमबारी कर 15 लाख की रंगदारी मांगने की घटना का 24 घंटे के अंदर में खुलासा किया गया है. मनियारी थाना के बाघी निवासी हिस्ट्रीशीटर अपराधी मो. आरिफ पूरे मामले का मास्टरमाइंड है. उसके ऊपर पूर्व में रंगदारी मांगने व बमबारी करने को लेकर मनियारी थाने में विस्फोटक अधिनियम में प्राथमिकी दर्ज है. अरुण कुमार सिंह का भगवानपुर में मार्केट है. एलआइसी एजेंट होने के नाते पूरे इलाके में फेमस है.

मो. आरिफ को लगा कि अरुण कुमार सिंह के पास मोटी रकम है. इसके लिए वह अपने पुराने साथी पूर्वी चंपारण जिला के मेहसी थाना के कटहा निवासी सरोज कुमार से संपर्क किया. सरोज के कहने पर संतोष कुमार ने 23 मार्च की रात एलआइसी एजेंट के घर पर बमबारी किया था. इस दौरान मास्टरमाइंड मो. आरिफ भी साइकिल से पहुंचा था. बमबारी के बाद सभी अपराधी शहर आये. यहां से एलआइसी एजेंट के मोबाइल पर कॉल करके 15 लाख रुपये रंगदारी की मांग किया. रुपये लेकर एजेंट को जीरोमाइल गोलंबर पर बुलाया. पुलिस को सूचना देने पर गोली मारकर हत्या करने की धमकी दी थी.

मोबाइल के टावर लोकेशन के आधार पर सबसे पहले क्रीम पकड़ाया

बमबारी कर 15 लाख की रंगदारी मांगने की घटना प्रकाश में आने के बाद एसएसपी सुशील कुमार ने ग्रामीण एसपी विद्या सागर, डीएसपी पश्चिमी टू अनिमेश चंद्र ज्ञानी व डीआइयू प्रभारी लाल किशोर गुप्ता के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया था. मोबाइल के सीडीआर के आधार पर डीआइयू ने पूर्वी चंपारण जिले के मधुबन थाना के बडहारा निवासी क्रिम कुमार को पकड़ा गया. उसके नाम पर ही सिम कार्ड था. उससे पूछताछ की गयी तो सरोज का नाम बताया. पुलिस ने मेहसी से सरोज को उठाया. उसने बताया कि संतोष मोबाइल देने की बात कही. इसके बाद संतोष को मोबाइल के साथ गिरफ्तार किया गया.

10 दिनों से आरिफ व सरोज एलआइसी एजेंट के घर की कर रहा था रेकी

बमबारी करके रंगदारी मांगने के लिए मो. आरिफ पिछले 10 दिनों से अपने साथी सरोज के साथ मिलकर एलआइसी एजेंट अरुण कुमार सिंह के भगवानपुर आवास पर रेकी किया था. रेकी के लिए बाइक व साइकिल का इस्तेमाल किया था. मो. आरिफ के बुलावे पर 23 मार्च की रात्रि 10 बजे बाइक सवार क्रिम कुमार व संतोष कुमार एलआइसी एजेंट के घर पर पहुंचा और बमबारी की. घटना में जो बम का इस्तेमाल किया गया था वह मो. आरिफ ने दिया था. उसके खिलाफ मनियारी थाने में रंगदारी, आर्म्स एक्ट व विस्फोटक अधिनियम में प्राथमिकी दर्ज है.

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