Friday, May 16, 2025

KIMS लेकर आई सबसे एडवांस गामा नाइफ टेक्नोलॉजी, मस्तिष्क उपचार के क्षेत्र में एक नई क्रांति

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एक सामान्य गामा नाइफ प्रक्रिया में 30 मिनट से 2 घंटे तक का समय लगता है. इसके लिए अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं होती.

 किम्स अस्पताल (कृष्णा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) ने हैदराबाद के लोगों के लिए दुनिया की सबसे एडवांस गामा नाइफ टेक्नोलॉजी लेकर आई है. यह मस्तिष्क संबंधी समस्याओं के लिए सर्जरी से भी अधिक सुरक्षित माना जा रहा है.

KIMS अस्पताल की ओर से एक मीडिया बयान में कहा गया, “नए लॉन्च की गई सुविधा जटिल मस्तिष्क से जुड़ी समस्याओं के इलाज के तरीके को बदलने के लिए तैयार है. इस नए तकनीक से रोगियों को पारंपरिक मस्तिष्क सर्जरी के लिए एक सुरक्षित, तेज और अत्यधिक सटीक विकल्प प्रदान करती है.

किम्स अस्पताल के सीएमडी डॉ. बोलिनेनी भास्कर राव ने कहा, “दक्षिण भारत के सबसे एडवांस गेमानीफ सेंटर को किम्स अस्पताल में लाने पर हमें बहुत गर्व है. यह मस्तिष्क उपचार में एक नई क्रांति है. हमारी प्रतिबद्धता इस विश्व स्तरीय तकनीक को अत्यंत सटीकता के साथ मरीजों तक पहुंचाना और लाभ पहुंचाना है.”

गामा नाइफ रेडियोसर्जरी को सर्जिकल चीरा लगाए बिना ब्रेन की स्थितियों का इलाज करने की अपनी क्षमता के लिए विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त है. गामा नाइफ रेडियोसर्जरी ब्रेन के अंदर की समस्याओं को सटिक तरीके से लक्षित करता है. यहां बीम रेडिएशन सब मिलीमीटर एक्यूरेसी के साथ मस्तिष्क के विकारों का इलाज करती है.

इस पूरे प्रक्रिया में खून का बहाव नहीं होता है और साथ ही यह इलाज दर्द रहित है. इस प्रक्रिया को एक आउटपेशेंट के आधार पर की जाती है, जिसमें अधिकांश रोगी उसी दिन घर लौट जाते हैं.

एडवांस तकनीक विशेष रूप से मस्तिष्क मेटास्टेसिस धमनी शिरापरक विकृतियां (एवीएम), ध्वनिक न्यूरोमा, पिट्यूटरी ट्यूमर और कार्यात्मक विकार जैसे ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया और मिर्गी जैसी स्थितियों के उपचार में प्रभावी है. यह उन रोगियों के लिए भी उपयुक्त है जो उम्र, स्वास्थ्य स्थितियों या फिर जिनको ट्यूमर है. इस प्रक्रिया में ओपन ब्रेन सर्जरी की आवश्यकता नहीं है.

किम्स अस्पताल के वरिष्ठ सलाहकार न्यूरोसर्जन डॉ. मानस पाणिग्रही ने कहा, “गामा नाइफ न्यूरो-ऑन्कोलॉजी और न्यूरोसर्जरी में एक आदर्श बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है. इस गैर-आक्रामक तकनीक के साथ, हम अब जटिल और नाजुक मस्तिष्क स्थितियों का सटीक उपचार कर सकते हैं और रोगियों के जीवन पर कम से कम प्रभाव डाल सकते हैं. यह सुविधा दक्षिण भारत और अन्य राज्य के रोगियों के लिए एक बड़ा बदलाव है.

KIMS अस्पताल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. बोलिनेनी भास्कर राव ने कहा, “हमें दक्षिण भारत के सबसे उन्नत गामा नाइफ सेंटर को केआईएमएस अस्पताल में लाने पर गर्व है, जो गैर-आक्रामक मस्तिष्क उपचार में एक नए युग की शुरुआत है. उन्होंने कहा कि, इस तकनीक से ब्रेन के इलाज कराने वाले ज़्यादातर मरीज उसी दिन घर जा सकते हैं और कुछ ही समय बाद सामान्य गतिविधियां फिर से शुरू कर सकते हैं.

उन्होंने कहा कि, यह एक बार वाली आउटपेशेंट प्रक्रिया है जिसके कम से कम दुष्प्रभाव होते हैं और इसकी सफलता दर बहुत ज़्यादा है.

गामा नाइफ: मरीजों को लाभ
गामा नाइफ मरीजों को बिना चीरे (चीर-फाड़), कम से कम जोखिम और तेजी से रिकवरी के साथ मस्तिष्क सर्जरी के लिए एक गैर-आक्रामक, दर्द रहित विकल्प प्रदान करता है. यह मस्तिष्क की असामान्यताओं को सटीक रूप से लक्षित करता है, स्वस्थ ऊतकों को होने वाले नुकसान को कम करता है. अधिकांश प्रक्रियाएं एक ही सत्र में की जाती हैं, जिससे मरीज उसी दिन कम से कम परेशानी के साथ घर लौट सकते हैं.

गामा नाइफ: स्टैटिक्स और डेटा प्वाइंट

1. इसकी शुरुआत के बाद से दुनिया भर में 1 मिलियन से ज़्यादा मरीजों का इलाज गामा नाइफ से किया जा चुका है.

2. अकेले भारत में हर साल 8,000 से ज़्यादा गामा नाइफ प्रक्रियाएं की जाती हैं.

3. गामा नाइफ कुछ खास ब्रेन ट्यूमर और ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया जैसे कार्यात्मक विकारों के इलाज में 90 फीसदी तक सफलता दर प्रदान करता है.

4. यह तकनीक सब-मिलीमीटर सटीकता के साथ विकिरण प्रदान करती है, जिससे आस-पास के 90 प्रतिशत से ज़्यादा स्वस्थ मस्तिष्क ऊतक सुरक्षित रहते हैं.

5. एक सामान्य गामा नाइफ प्रक्रिया में 30 मिनट से 2 घंटे तक का समय लगता है और इसके लिए अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत नहीं होती.

6. 90 प्रतिशत से ज्यादा मरीज इलाज के 24 से 48 घंटों के भीतर सामान्य गतिविधियों में वापस आ जाते हैं.

7. यह घातक और Malignant and Benign tumours, एवीएम और न्यूरोलॉजिकल दर्द सिंड्रोम सहित 20 से ज़्यादा तरह की मस्तिष्क स्थितियों के इलाज में कारगर साबित हुआ है.

8. KIMS में इस्तेमाल किया जाने वाला नवीनतम मॉडल एक ही सत्र में कई घावों को संभाल सकता है, जिससे कुल उपचार समय कम हो जाता है.

9. ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया के लिए, रोगियों को अक्सर प्रक्रिया के 48 घंटों के भीतर दर्द से राहत मिलती है.

10. अध्ययनों से पता चलता है कि गामा नाइफ के रोगियों में पारंपरिक सर्जरी की तुलना में जटिलता दर कम होती है, जिसमें 2 फीसदी से भी कम गंभीर दुष्प्रभाव होते हैं.

डॉक्टरों कि लिस्ट

डॉ. धीरेंद्र प्रसाद – मुख्य गामा नाइफ रेडियोसर्जरी निदेशक, न्यूयॉर्क

डॉ. मानस फणीग्रही – एचओडी और सीनियर कंसल्टेंट न्यूरोसर्जरी, KIMS अस्पताल, सिकंदराबाद

डॉ. भास्कर राव – सीएमडी, KIMS ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स

डॉ. आर. चंद्रशेखर नायडू – कंसल्टेंट न्यूरो और स्पाइन सर्जन, KIMS अस्पताल

डॉ. संबित साहू – मेडिकल डायरेक्टर, KIMS अस्पताल, सिकंदराबाद

डॉ. जोसेफ – प्राग

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