टीवी चैनल को अपने कर्मचारी की करतूत छिपाना भारी पड़ गया। कंपनी के कर्मचारी के यौन उत्पीड़न करने का मामला सामने आया तो 50 कंपनियों ने चैनल से अपने विज्ञापन वापस ले लिए। कंपनियों ने चैनल पर पारदर्शिता और निष्पक्षता की कमी का आरोप लगाते हुए यह कदम उठाया।
जापान में एक टीवी चैनल को अपने कर्मचारी की करतूत छिपाना भारी पड़ गया। कंपनी के कर्मचारी के यौन उत्पीड़न करने का मामला सामने आया तो 50 कंपनियों ने चैनल से अपने विज्ञापन वापस ले लिए। कंपनियों ने चैनल पर पारदर्शिता और निष्पक्षता की कमी का आरोप लगाते हुए यह कदम उठाया।
दरअसल मामला फूजी टीवी कंपनी के एक टीवी होस्ट से जुड़ा है। साप्ताहिक पत्रिका शुकन बुनशुन ने एक रिपोर्ट में कहा कि पुरुष बैंड एसएमएपी के पूर्व सदस्य और फूजी टीवी के होस्ट मासाहिरो नाकाई ने एक महिला का यौन उत्पीड़न किया। इसके बाद उसने महिला को समझौता करने के लिए एकमुश्त रकम का भुगतान किया।
रिपोर्ट में कहा गया था कि महिला ने 52 वर्षीय नाकाई पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। नाकाई ने 2023 में एक डिनर पार्टी में महिला का कथित यौन उत्पीड़न किया। इसके बाद दिसंबर में नाकाई और महिला के बीच 90 मिलियन येन (580,000 डॉलर) का समझौता हुआ था। नाकाई ने एक बयान जारी करके समझौते की बात स्वीकार की थी। मगर उन्होंने किसी तरह की हिंसा करने की बात से इन्कार कर दिया था। मगर फूजी टीवी ने इसे लेकर कोई कार्रवाई नहीं की और मामले को छिपाया।हाल ही में जब एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में फ़ूजी टीवी के अध्यक्ष कोइची मिनाटो ने घटना को लेकर बयान दिया। उन्होंने स्वीकार किया कि कंपनी को शुकन बुनशुन रिपोर्ट से छह महीने पहले ही इस मामले की जानकारी हो गई थी। मगर कंपनी ने इसका खुलासा नहीं किया। उन्होंने सभी से माफी मांगते हुए कहा कि फूजी टीवी मामले की जांच करेगा। मगर हमारा मानना है कि कर्मचारियों ने कुछ भी गलत नहीं किया है। फूजी टीवी ने कई विज्ञापनदाताओं और एजेंसियों को परेशानी पहुंचाने के लिए माफी मांगी।इसके बाद विज्ञापनदाताओं ने टीवी से हाथ खींच लिए। उन्होंने विज्ञापनों की जगह सार्वजनिक सेवा की घोषणा की। विज्ञापनदाताओं ने कहा कि फूजी टीवी में पारदर्शिता की कमी है। साथ ही उसे इस मामले में कोई पछतावा भी नहीं है। बताया जा रहा है कि 50 से अधिक बड़ी कंपनियों ने फूजी टीवी से विज्ञापन हटाने की बात कही है।