जांजगीर चांपा जिले में फर्जी अंकसूची से नौकरी करने के मामले में आरोपी को सजा सुनाई गई, वहीं हत्या के मामले में तीन लोगों को पांच-पांच वर्ष की सजा सुनाई गई।
जांजगीर चांपा जिला न्यायालय जांजगीर प्रथम श्रेणी सीमा कंवर ने फर्जी अंक सूची का उपयोग कर मुख्य अभियंता मिनीमाता हंसते बांगो परियोजना में एलडीसी के पद पर नौकरी के मामले में आरोपी रामकृष्ण राठौर को अलग अलग धाराओं में 3-3 वर्ष और 2 वर्ष सश्रम करावास एवं अर्थ दण्ड की सजा सुनाई गई है।
जांजगीर चांपा जिले में फर्जी अंकसूची से नौकरी करने के मामले में आरोपी को सजा सुनाई गई, वहीं हत्या के मामले में तीन लोगों को पांच-पांच वर्ष की सजा सुनाई गई।
आरोपी को सजा
जांजगीर चांपा जिला न्यायालय जांजगीर प्रथम श्रेणी सीमा कंवर ने फर्जी अंक सूची का उपयोग कर मुख्य अभियंता मिनीमाता हंसते बांगो परियोजना में एलडीसी के पद पर नौकरी के मामले में आरोपी रामकृष्ण राठौर को अलग अलग धाराओं में 3-3 वर्ष और 2 वर्ष सश्रम करावास एवं अर्थ दण्ड की सजा सुनाई गई है।
सहायक लोक अभियोजन अधिकारी एस अग्रवाल से मिली जानकारी अनुसार, आरोपी रामकृष्ण राठौर आदर्श हायर सेकेंडरी शाला सक्ति के अंक सूची के आधार पर 28/12/1984 में मुख्य अभियंता मिनी माता हसदेव बैंकॉक परियोजना विभाग में एलडीसी के पद पर रामकृष्ण राठौर पदस्थ था। जिसके बाद उसे शक्ति के सब डिवीजन नंदेली भाटा में पदस्थ था। जितेंद्र राठौर ने आरटीआई के तहत सक्ति कार्यालय में पदस्थ राम कृष्ण राठौर के नियुक्ति के संबंध में वर्ष 2015 में जानकारी निकली गई थी। जिसमें विभाग में जमा किए गए अंक सूची में जन्म तिथि 5/8/1958 लिखा हुआ था तब आरोपी द्वारा अपने विभाग में समस्त अनुसूची गुम होने का पत्र और शपथ पत्र तथा वास्तविक जन्म तिथि 05/08/1953 है अंक सूची में टूटी पूर्ण जन्म तिथि अंकित होने की जानकारी दी गई। वही विभाग ने गलत जानकारी देने पर आरोपी को 31/08/2015 को सेवननिवृत कर दिया गया।
वहीं जितेंद्र राठौर ने मामले की शिकायत जांजगीर थाना में की गई। जिसपर राम कृष्ण राठौर के खिलाफ धारा 420,467,468,471,201 ipc के तहत मामला दर्ज कर जांच किया गया। इस दौरान दाखिल खारिज संलग्न की गई जिसमें उसकी जन्म तिथि 5/08/1953 पाया गया। उसके कार्यरत विभाग से नियुक्ति समय जाम की गई अंक सूची के प्रति की जपती की गई साथ ही संबंधित शाला से कराए जाने वाले उक्त अनुसूची में उल्लेखनीय रोल नंबर और नाम के व्यक्ति द्वारा परीक्षा न दिलाना अनुसूची शाला द्वारा जारी न होना, विभाग सेवा पुस्तिका विभाग से जप्त की गई जिसमें जन्मतिथि अलग-अलग समय पर होना पाया गया। इसके पक्ष न्यायालय में चलन पेश किया गया। प्रथम श्रेणी न्यायालय जांजगीर में गवाहों का परीक्षण उपरांत आरोपी रामकृष्ण राठौर को फर्जी अंक सूचित तैयार कर नौकरी प्राप्त करने सेवा पुस्तिका में मिथ्या जन्म वर्ष अंकित करवाने असल साक्षी छुपाने का दोषी पाया गया। आरोपी द्वारा अच्छा रचित दस्तावेज तैयार कर शासकीय सेवा में वह स्थापना प्राप्त करने एवं कई वर्षों तक लाभांश अर्चित करने को एक गंभीर अपराध मानते हुए अलग-अलग धाराओं में तीन-तीन वर्ष और 2 वर्ष सश्रम करावास अर्थ दंड की राशि से दंडित किया गया है अर्थ दण्ड की राशि अदना करने पर पृथक से करवा का आदेश जारी किया।
हत्या के मामले में तीन को पांच-पांच साल की सजा
जांजगीर चांपा जिले के ग्राम ठनगन में टंकी की पानी से पाइप लाइन के कनेक्शन को निकालने की विवाद को लेकर डंडे और पत्थर से मारपीट कर हत्या के मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश शक्ति सिंह राजपूत ने आरोपी नान्हुदस महंत, शिवादास महंत और लक्ष्मीदास महंत को धारा 304 भाग 2/34 के मामले में दोषी पाए जाने पर 5 -5 वर्ष सश्रम करावास और 323/34 के अपराध के लिए 1-1 माह का सश्रम करावास से दंडित किए जाने का आदेश जारी किया है।
विशेष लोक अभियोजक एक्ट्रेसिटी एक्ट धीरज कुमार शुक्ला ने बताया कि डभरा थाना क्षेत्र के ग्राम में 31/5/2023 को नारद चौहान शाम के समय बाजार गया हुआ था। जब घर वापस आया तो उसकी पत्नी सविता बाई,माता सुरजा बाई को गांव के रहने वाले नान्हुदस महंत, शिवादास महंत और लक्ष्मीदास महंत गली गलौज कर रहे थे। तभी नारद चौहान ने अपनी माता से पूछा तो पता चला कि घर के सामने पानी टंकी पाईप लाइन कनेक्शन को निकाल दिए हो कहने पर गाली गलौज करने लगा। जिसपर गाली गलौज देने से मना करने पर नान्हुदस महंत, शिवादास महंत और लक्ष्मीदास महंत ने एक साथ मिलकर डंडे और पत्थर से मेरे साथ मेरी पत्नी माता के साथ मारपीट की गई। जिसमें माता सुरजा बाई को गंभीर चोट आने पर डभरा अस्पताल लेकर पहुंचे थे,हालत गंभीर होने पर रायगढ़ के शासकीय अस्पताल में 31मई से 7 जून 2023 तक उपचार के बाद डिस्चार्ज किया गया। वही 7-8 दिन बाद 20 जून 2023 की मौत हो गई।
घटना के संबंध में नारद चौहान ने डभरा थाने में सूचना दी जिसपर आरोपी नान्हुदस महंत, शिवादास महंत और लक्ष्मीदास महंत के खिलाफ मामला दर्ज कर विवेचना पूर्ण कर न्यायालय में चलन पेश किया गया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश शक्ति सिंह राजपूत ने आरोपीयो के द्वारा पानी टंकी पाईप कनेक्शन को लेकर विवाद कर डंडे और पत्थर से मारपीट की जिससे सुरजा बाई की मौत हुई है, जिसपर नान्हुदस महंत, शिवादास महंत और लक्ष्मीदास महंत तीनो आरोपियों को दोषी पाया गया है। जिन्हें धारा 304 भाग 2/34 के तहत 5-5 वर्ष और 323/34 के तहत 1 -1 माह सश्रम करावास से दंडित किए जाने का आदेश दिया है।