ईरान के न्यूक्लियर प्लांट पर संभावित इजरायली हमले की रिपोर्ट से तेल की कीमतों में उछाल आ गया है.
नई दिल्ली: बुधवार को तेल की कीमतों में 1 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई. क्योंकि ऐसी खबरें आई थीं कि इजरायल ईरानी न्यूक्लियर प्लांट पर हमला करने की तैयारी कर रहा है, जिससे मध्य पूर्व, जो एक महत्वपूर्ण तेल उत्पादक क्षेत्र है. इससे संभावित रुकावट को लेकर नई चिंताएं पैदा हो गई हैं.
भू-राजनीतिक जोखिम से तेल की कीमतें बढ़ीं
CNN की एक रिपोर्ट के अनुसार, जिसमें कई अमेरिकी अधिकारियों का हवाला दिया गया है, नई खुफिया जानकारी से पता चलता है कि इजराइल ईरानी परमाणु स्थलों के खिलाफ संभावित सैन्य कार्रवाई की तैयारी कर रहा है. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि इजराइल ने अंतिम निर्णय लिया गया है या नहीं, लेकिन संघर्ष की संभावना ने पहले ही बाजारों को हिलाना शुरू कर दिया है.
रिपोर्ट के बाद अमेरिकी कच्चे तेल के वायदे में 2 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई और ब्रेंट वायदे में 1 डॉलर से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई. विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि ईरान-ओपेक के तीसरे सबसे बड़े तेल उत्पादक-पर कोई भी इजरायली हमला तेल के प्रवाह को बुरी तरह बाधित कर सकता है और खाड़ी में व्यापक अस्थिरता को भड़का सकता है.
तेल का सप्लाई
भू-राजनीतिक जोखिमों के बावजूद कुछ संकेतक तेल आपूर्ति में मामूली सुधार की ओर इशारा करते हैं. अमेरिकन पेट्रोलियम इंस्टीट्यूट (API) के आंकड़ों के अनुसार 16 मई को समाप्त सप्ताह के लिए अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में 2.5 मिलियन बैरल की बढ़ोतरी हुई. वहीं, इसी अवधि के दौरान गैसोलीन और डिस्टिलेट के भंडार में गिरावट आई.निवेशक घरेलू आपूर्ति रुझानों की स्पष्ट तस्वीर के लिए बुधवार को आने वाले अमेरिकी ऊर्जा सूचना प्रशासन (EIA) के आधिकारिक इन्वेंट्री आंकड़ों का इंतजार कर रहे हैं.