Thursday, May 22, 2025

IMF के पास कर्ज देने के लिए कहां से आता है पैसा? कौन-कौन करता है योगदान और क्या है इसका मकसद?

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IMF की स्थापना 1944 में ब्रेटन वुड्स सम्मेलन में हुई थी. इसका उद्देश्य दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं को स्थिर रखना और व्यापार को बढ़ावा देना है.

नई दिल्ली: हाल ही में इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) ने पाकिस्तान को कुल 2.4 अरब डॉलर का कर्ज दिया. आईएमएफ ने यह सहायता ऐसे समय में दी, जब भारत को पाकिस्तान के बीच तनाव चल रहा था. इसको लेकर भारत ने अपनी आपत्ति भी जताई. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर आईएमएफ के पास ये पैसा कहां से आता है और क्यों यह पैसा लोगों को क्यों दिया जाता है.

बता दें कि IMF की स्थापना 1944 में ब्रेटन वुड्स सम्मेलन में हुई थी. इसका उद्देश्य दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं को स्थिर रखना, व्यापार को बढ़ावा देना, और गरीबी कम करना है.जब कोई देश आर्थिक तंगी में फंस जाता है जैसे कि पाकिस्तान. आईएमएफ कर्ज में डूबे देशों को कर्ज देकर उनकी अर्थव्यवस्था को सहारा देता है. हालांकि, ये पैसा कुछ सख्त शर्तों के साथ दिया जाता है. तो चलिए अब आपको बताते हैं कि आईएमएफ के पास ये पैसा कहां से आता है.

IMF के पास कहां से आता है पैसा ?
इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड की वेबसाइट के मुताबिक आईएमएफ अपने सदस्यों को सामान्य या गैर-रियायती शर्तों पर जो पैसा उधार देता है, वह मुख्य रूप से सदस्य देशों से आता है. IMF सदस्यों से यह पैसा कोटा सिस्टम के तहत आता है.हर देश अपनी अर्थव्यवस्था के साइज के हिसाब से आईएमएफ में पैसा डालता है.

इसके अलावा न्यू अरेजमेंट टू बॉरो (NAB) आईएमएफ और सदस्यों और संस्थानों के समूह के बीच उधार लेने की नई व्यवस्था (एनएबी) कोटा के लिए मुख्य आधार है. वहीं, कुछ पैसा द्विपक्षीय उधार समझौते से भी आता है. वर्तमान में 191 देश आईएमएफ के सदस्य हैं. आईएमएफ के पास लगभग 932 बिलियन अमेरिकी डॉलर के रिसोर्स थे. इनमें से वह 695 बिलियन डॉलर का इस्तेमाल कर्ज देने के लिए कर सकता है.

कितने दिन के लिए कर्ज देता है IMF?
IMF आर्थिक संकट से जूझ रहे देश को फंड देने से पहले देश की आर्थिक स्थिति का गहराई से विश्लेषण करता है और कुछ शर्तें के साथ कर्ज देता है. आईएमएफ कर्ज देने के लिए चार तरीके इस्तेमाल करता है. इसमें सबसे पहला तरीक स्टैंड-बाय अरेंजमेंट (SAB) है. इसके तहत आईएमएफ किसी भी देश को 12 से 24 महीने के लिए कर्ज देता है.

इसके अलावा यह एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी (EFF) के तहत भी देशों को कर्ज देता है. इस कैटेगरी के तहत किसी भी देश को लंबे समय तक आर्थिक सुधार के लिए कर्ज दिया जाता. रैपिड फाइनेंसिंग इंस्ट्रूमेंट (RFI) में इमरजेंसी हालात से निपटने के लिए फंड दिया जाता है. जैसे कि प्राकृतिक आपदा आदि. साथ ही आईएम एफ कम आय वाले देशों के लिए पोवर्टी रिडक्शन एंड ग्रोथ ट्रस्ट (PRGT) के तह कम ब्याज दरों पर कर्ज देता है.

IMF में कौन करता है सबसे ज्यादा योगदान?
IMF में अमेरिका सबसे बड़ा योगदाना करता है. अमेरिका इस एजेंसी के कुल फंड में करीब 83 बिलियन डॉलर योगदान करता है और उसका आईएमएफ कुल 17 प्रतिशत कोटा. इसके बाद जापान, चीन, जर्मनी और यूनाइटेड किंगडम का नंबर आता है.

नियमों के मुताबिक जो देश सबसे ज्यादा कॉन्ट्रिब्यूशन करेगा उसके पास उतनी ही वोटिंग पावर होगी.फिलहाल अमेरिका के पास सबसे ज्यादा वोटिंग अधिकार हैं, क्योंकि वह सबसे ज्यादा योगदान करता हैय यही वजह है किवह IMF के फैसलों में बड़ा रोल निभाता है.

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