Saturday, April 19, 2025

 ESI कामगारों के लिए बड़ी सौगात, आयुष्मान अस्पतालों में करवा सकेंगे मुफ्त इलाज

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केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि ईएसआइ से बीमित कामगार और उनके परिवार आयुष्मान भारत से सूचीबद्ध अस्पतालों में भी इलाज करा सकेंगे। यह सुविधा ईएसआइसी के अस्पतालों और डिस्पेंसरियों के अतिरिक्त होगी। रांची में 220 बेड के ईएसआइसी अस्पताल के उद्घाटन पर उन्होंने यह जानकारी दी। इससे लाखों कामगारों को लाभ मिलेगा और उन्हें इलाज के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा।

रांची। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा है कि कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआइसी) से बीमित कामगार परिवारों का इलाज ईएसआइसी के अस्पतालों, डिस्पेंसरियों तथा इससे सूचीबद्ध दो हजार से अधिक अस्पतालों के अलावा आयुष्मान भारत से सूचीबद्ध किसी भी अस्पताल में हो सकेगा।

बीमित कामगार किसी भी आयुष्मान भारत से सूचीबद्ध अस्पताल में अपना और अपने परिवार का इलाज करा सकेंगे। केंद्रीय मंत्री गुरुवार को रांची के नामकोम स्थित ईएसआइसी के 220 बेड के अस्पताल के उद्धाटन के बाद समारोह को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने बताया कि देशभर में 3.77 करोड़ कामगारों के लिए ईएसआइसी के 165 अस्पताल, 1500 डिस्पेंसरियां तथा दो हजार से अधिक अस्पताल सूचीबद्ध हैं। अब इसमें आयुष्मान भारत से सूचीबद्ध अस्पताल भी जुड़ गए हैं।

तीन लाख कामगारों को मिलेगा लाभ

अपने संबोधन में डॉ. मांडविया ने कहा कि शीघ्र ही इस अस्पताल में 50 सीटों का मेडिकल कॉलेज भी शुरू होगा, जिससे तीन लाख से अधिक श्रमिकों को सुपर स्पेशियलिटी सुविधाएं प्राप्त हो सकेंगी। उन्होंने बताया कि यह अस्पताल केवल एक इमारत नहीं है, बल्कि यह हमारे श्रमिकों की मेहनत और समर्पण का प्रतीक है।

कोविड महामारी के बाद किए गए सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज प्रदान किया जा रहा है।

इसके साथ ही 60 करोड़ से अधिक लोगों को आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज हो रहा है। अब किसी गरीब को इलाज के लिए साहूकारों के पास जाना नहीं पड़ता है।

लाभार्थियों को नकद लाभ, श्रमिकों को भी किया सम्मानित

कार्यक्रम के दौरान डॉ. मांडविया ने ईएसआइ के लाभार्थियों को सम्मानित किया और उन्हें नकद लाभ स्वीकृति पत्र प्रदान किए। उन्होंने इस अस्पताल के निर्माण में सम्मिलित रहे श्रमिकों को भी सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि यह अस्पताल केवल एक भवन नहीं, बल्कि एक मंदिर है।

यहां कार्यरत सभी चिकित्सक और कर्मचारी पुजारी के समान हैं और जो भी मरीज यहां आते हैं, वे हमारे लिए भगवान के समान हैं। हम उनकी पूरी सेवा श्रद्धा और समर्पण के साथ करेंगे।

इस अवसर पर सांसद प्रदीप वर्मा, केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की चिकित्सा आयुक्त दीपिका गोविल, क्षेत्रीय बीमा आयुक्त प्रणय सिन्हा तथा ईएसआइसी के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

नया भारत न तो पीठ दिखाता है और न ही हाथ फैलाता: संजय सेठ

समारोह में उपस्थित केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा कि नया भारत न तो पीठ दिखाता है और न ही किसी दूसरे देशों के समक्ष हाथ फैलाता है। उन्होंने कोरोना टीका को बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि कई देशों में जब पोलियो का उन्मूलन हो गया था तो उसके 12-20 वर्षों बाद भारत में पोलियो का टीका आया था।

नए भारत ने कोरोना का टीका दूसरे देशों को देने का काम किया। भारत अब दूसरों को देनेवाला राष्ट्र बन गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना के विरुद्ध युद्ध के सेनापति मांडविया ही थे।

जून 2018 में 200 बेड वाले अस्पताल के नए भवन निर्माण को मंजूरी मिली थी। 31 मई 2018 को निर्माण शुरू हुआ। – ईएसआइसी ने अक्टूबर 2024 में 50 एमबीबीएस सीटों वाले मेडिकल कॉलेज की स्थापना को भी मंजूरी दी, जिसका संचालन निकट भविष्य में शुरू होने वाला है।

अस्पताल में सामान्य चिकित्सा, शल्य चिकित्सा, स्त्री रोग, अस्थि रोग, नेत्र रोग (आंख) और दंत चिकित्सा जैसे आवश्यक विभागों के साथ-साथ विभिन्न सहायक सेवाएं भी उपलब्ध हैं।

अस्पताल परिसर में एक बेसमेंट, ग्राउंड फ्लोर और चार अतिरिक्त मंजिलें हैं, जो 7.9 एकड़ के परिसर में फैली हुई हैं।

चार मंजिला अस्पताल भवन का निर्माण 99.06 करोड़ की लागत से किया गया है और यह 17,559 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। इसमें तीन आधुनिक ऑपरेशन थियेटर (ओटी) हैं, एक अतिरिक्त ऑपरेशन थियेटर (ओटी) का और प्रविधान है।

इसमें 34 वार्ड और 6 आइसोलेशन वार्ड, 40 ओपीडी कमरे और सभी डॉक्टरों, प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए पर्याप्त जगह मुहैया कराया गया है।

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