RBI ने नए वित्तिय वर्ष में होने वाले मौद्रिक नीति समिति (MPC) बैठकों का शेड्यूल जारी कर दिया है.
मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 1 अप्रैल से शुरू होने वाले आगामी वित्तीय वर्ष के लिए अपनी छह मौद्रिक नीति समिति (MPC) बैठकों का शेड्यूल जारी कर दिया है. ये बैठकें हर दो महीने में होती हैं जो तीन दिनों तक चलती हैं. आखिरी दिन प्रमुख नीतिगत निर्णयों की घोषणा की जाती है. वित्तीय अनिश्चितता के समय RBI अतिरिक्त बैठकें भी कर सकता है.
इस वित्तिय वर्ष होने वाली बैठक
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी अगली मौद्रिक नीति समिति (MPC) बैठक 4 से 6 जून तक निर्धारित की है, जिसके बाद 5 से 7 अगस्त तक तीसरी बैठक होगी. शेष तीन बैठकें 29 सितंबर से 1 अक्टूबर, 3 से 5 दिसंबर और 4 से 6 फरवरी, 2026 को होंगी.
इस बीच RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा की अगुवाई में वित्तीय वर्ष की पहली MPC बैठक 7 से 9 अप्रैल, 2025 को निर्धारित है.
RBI MPC बैठक 2025-26
RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) 7-9 अप्रैल, 2025 को अपनी पहली बैठक के साथ नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत करेगी. दूसरी द्विमासिक समीक्षा 4-6 जून को निर्धारित है, उसके बाद अगस्त की बैठक 5-7 अगस्त को होगी. अक्टूबर में, MPC 1 अक्टूबर को अपने नीतिगत निर्णयों की घोषणा करेगी. दिसंबर की समीक्षा 3-5 दिसंबर को निर्धारित है. वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अंतिम निर्धारित बैठक 4-6 फरवरी, 2026 को होगी.
RBI MPC बैठकें और रेपो रेट
आगामी RBI MPC बैठकों पर रेपो दर और अन्य बेंचमार्क दरों पर प्रमुख घोषणाओं के लिए कड़ी नजर रखी जाएगी. रेपो दर वह ब्याज दर है जिस पर आरबीआई कमर्शियल बैंकों को शॉर्ट टर्म निधि उधार देता है, जिससे अर्थव्यवस्था में लिक्विडिटी को विनियमित करने में मदद मिलती है.
यह दर महंगाई को नियंत्रित करने और समग्र आर्थिक स्थिरता को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. आरबीआई अपनी मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से उपभोक्ता महंगाई पर नजर रखता है, जिसका लक्ष्य महंगाई को 4 फीसदी के अपने मध्यम अवधि के लक्ष्य के 2 फीसदी अंक के भीतर रखना है.