पटना :BPSC ने अपनी 70वीं प्रीलिम्स परीक्षा के विवाद को लेकर कई राजनेताओं और शिक्षकों को लीगल नोटिस भेजे हैं. यह नोटिस परीक्षा को लेकर उठे सवालों और आयोग की छवि को धूमिल करने के आरोपों के तहत भेजे गए हैं. इनमें प्रमुख शिक्षक खान सर का नाम भी शामिल है. बीपीएससी ने खान सर से बिना शर्त सार्वजनिक माफी मांगने की मांग की है, साथ ही यह चेतावनी भी दी है कि यदि उन्होंने ऐसा नहीं किया तो उन्हें क्रिमिनल केस का सामना करना पड़ सकता है. खान सर ने क्लास रूम में बच्चों को पढ़ाते हुए स्पष्ट कर दिया है कि वह ‘पुष्पा’ नहीं ‘बिहारी हैं, झुकेगा नहीं..!
‘विद्यार्थियों के लिए लड़ना अपराध है तो मैं क्रिमिनल हूं’ : खान सर ने अपने एजुकेशनल यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो में यह स्पष्ट किया कि आयोग ने उन्हें लीगल नोटिस भेजा है, जिसमें उन्हें क्रिमिनल बताया गया है. उन्होंने कहा कि वह छात्रों के अधिकारों के लिए कभी नहीं झुकेंगे, भले ही आयोग उनके खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज कर दे. खान सर ने यह भी कहा कि यदि विद्यार्थियों के लिए लड़ना अपराध है, तो वह खुद को क्रिमिनल मानते हैं. उन्होंने गरीब बच्चों के लिए कम फीस पर शिक्षा प्रदान करने का हवाला देते हुए यह भी कहा कि पहले यूपीएससी और बीपीएससी की फीस लाखों में हुआ करती थी, जिसे उन्होंने गरीबों के लिए 4500 रुपये कर दिया.
बीपीएससी को भेजेंगे नोटिस’ : खान सर ने यह भी कहा कि यदि आयोग उन्हें क्रिमिनल कहता है, तो वह खुद भी बीपीएससी को नोटिस भेजेंगे. उनका दावा था कि आयोग को अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगनी होगी. इसके बाद खान सर ने अपने स्टाफ से कहा कि बीपीएससी की फीस को और भी कम किया जाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा छात्र इसका लाभ उठा सकें. उन्होंने कहा कि जलने वाले जलते रहेंगे, उनका काम जलाना है. उन्होंने यह भी कहा कि आयोग ने गलत इंसान को ट्रिगर किया है और वह कभी नहीं झुकेगा, “पुष्पा नहीं, बिहारी हैं”.
13 दिसंबर की परीक्षा पर उठे आरोप : बीपीएससी द्वारा 13 दिसंबर को आयोजित 70वीं प्रीलिम्स परीक्षा के दौरान कई विवाद सामने आए. पटना के बापू परीक्षा परिसर में परीक्षा के दौरान परीक्षार्थियों को समय पर प्रश्न पत्र नहीं मिला, जिसके बाद हजारों परीक्षार्थियों ने परीक्षा का बहिष्कार किया. कुछ प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जिससे परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप उठने लगे. परीक्षार्थियों ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ केंद्रों पर जैमर नहीं लगाए गए थे, जिससे धांधली हुई. इस मामले में परीक्षार्थियों ने पूरी परीक्षा को रद्द करने की मांग की