मिट्टी घोटाले की पोल खुलने के बाद किसान काफी आक्रोशित हैं। उनका कहना है कि प्रखंड भर के दर्जन भर गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा सकता है। किसान संबंधित लोगों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
सरकार की महत्वाकांक्षी सीमा सड़क योजना में करोड़ों रुपये के मिट्टी घोटाला होने के आरोप लग रहे हैं। यह सड़क भारत नेपाल सीमा के सामानांतर पूर्वी चम्पारण में 200 करोड़ की लागत से भेलाही से गुआबारी तक बन रही है। इसमें नियम के मुताबिक संवेदक द्वारा मिट्टी खरीद कर बनाया जाना है। लेकिन, संवेदक द्वारा सीमावर्ती क्षेत्र के बनकटवा प्रखंड के झझरा के पास यमुनी नदी की पेटी से महीनों से मिट्टी का कटाव जेसीबी से कराया जा रहा। JKM इन्फो प्रोजेक्ट द्वारा बनाई जा रही यह सड़क पूर्वी चंपारण के भेलाही से गुआबारी तक की कुल लंबाई 77 किलोमीटर है।
घटना के बाद किसानों में आक्रोशइधर, सीमावर्ती क्षेत्र के किसान मिट्टी की भारी क्षय से काफी भयभीत है। वहीं नदी के आसपास के बसे दर्जनों गांवों के ग्रामीण बरसात के समय नदी में आए बाढ़ के पानी को गांवों में घुसने की आशंका व्यक्त की है। किसान काफी आक्रोशित हैं। उनका कहना है कि प्रखंड भर के दर्जन भर गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा सकता है।
ग्रामीणों ने कार्रवाई की मांग की
ग्रामीणों का कहना है कि पिछले वर्ष भी घोंघिया गांव से पश्चिम इसी सड़क के ऊपर यमुनी नदी पर बने पुल के पास नदी के तलहटी से हजरों टन मिट्टी की कटाई का कार्य किया गया था। पर शुक्र है कि विगत वर्ष बरसात के समय नदी ऊफान पर नहीं आई। इस कारण सीमा सड़क का कटाव नहीं हुआ अन्यथा JKM कम्पनी के मिट्टी घोटाले की पोल पिछले वर्ष ही खुल जाती। वहीं इस संबंध में जब पीडब्ल्यूडी के कार्यपालक अभियंता से दूरभाष पर सवाल किया तो वह इस सवाल को टालते नजर आए। इतना ही नहीं अधीक्षण अभियंता से इसको लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने सवाल सुनते ही फोन काट दिया और दुबारा फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा। इधर, ग्रामीण संबंधित लोगों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।